भागलपुर : प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में सोमवार को 13 साल पहले पाकिस्तानी पासपोर्ट पर भारत आये सैयद शमीम अहमद के अवैध रूप से आठ साल यहां ठहरने के मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान आरोपित सैयद शमीम अहमद भी हाजिर थे. आरोपित सैयद शमीम अहमद के पक्षकार ने कोर्ट को पटना हाइकोर्ट से तीन सितंबर 2008 के पारित आदेश पर जिरह किया. मामले को लेकर हाइकोर्ट ने भारतीय नागरिकता को लेकर जिला प्रशासन से जांच करवाने का निर्देश दिया था.
हाइकोर्ट ने कहा था कि जिला स्तर पर सैयद शमीम अहमद की भारतीय नागरिकता को लेकर मंत्रालय से मंतव्य मांगा है, वहां से मंतव्य आने पर ही कोई अंतिम आदेश दिया जा सकेगा. हाइकोर्ट के पारित उक्त आदेश पर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने जिलाधिकारी प्रणव कुमार को पत्र भेजने का निर्देश दिया. कहा कि सैयद शमीम अहमद की भारतीय नागरिकता को लेकर डीएम रिपोर्ट देंगे. अगली सुनवाई में डीएम की रिपोर्ट पर जिरह होगा.
यह हुई थी प्राथमिकी : सैयद शमीम अहमद एक पाकिस्तानी नागरिक है. उसके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट संख्या पीपीएनइ 177652 है. इस पासपोर्ट में उसका निवास स्थान आर-606, सेक्टर-8, नाॅर्थ कराची (पाकिस्तान) है. 20 मई 1997 को जारी हुए पासपोर्ट की अवधि 45 दिनों की थी. इस अवधि के समाप्त होने के बाद उक्त व्यक्ति आठ सालों तक अवैध रूप से सदरुद्दीनचक में रह गया.
इस दौरान उसने गलत कागजात देकर नाथनगर विधानसभा का वोटर कार्ड भी बना लिया. आरक्षी अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त सूचना के आधार पर 26 जून 2006 को हबीबपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी गणेश प्रसाद ठाकुर ने सदरुद्दीनचक के माे शमीम के कमरे पर छापेमारी की. वहां पर उक्त आरोपित पकड़ा गया, जहां उसके पास से डायरी व पहचान पत्र मिला.