भागलपुर : इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए होनेवाली ज्वाइंट एंट्रांस एग्जामिनेशन (मेन) की जनवरी 2020 में परीक्षा होगी. इसके लिए अभी फॉर्म भराया जा रहा है. 31 सितंबर तक फॉर्म भरा जायेगा. लाखों छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे. परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान छात्रों को प्रश्नपत्र की भाषा का भी चयन करना है. इसमें हिंदी व अंग्रेजी तो है ही, इसके अतिरिक्त केवल गुजराती भाषा का विकल्प दिया गया है.
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जेइइ मेन में अन्य भाषाओं को जगह क्यों नहीं
भागलपुर : इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए होनेवाली ज्वाइंट एंट्रांस एग्जामिनेशन (मेन) की जनवरी 2020 में परीक्षा होगी. इसके लिए अभी फॉर्म भराया जा रहा है. 31 सितंबर तक फॉर्म भरा जायेगा. लाखों छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में सम्मिलित होंगे. परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान छात्रों को प्रश्नपत्र की भाषा का भी चयन करना है. […]
इसी बात का छात्र-छात्राओं व शिक्षकों में नाराजगी है. उनका कहना है कि भाषा कोई भी हो, उसका सम्मान है. लेकिन देश के लाखों छात्रों के लिए जो परीक्षा ली जाती हो, उसमें सिर्फ गुजराती ही क्यों जोड़ा गया. उन सभी भाषाओं को क्यों नहीं स्थान दिया गया, जिसे संविधान में प्रावधान किया गया है.
परीक्षा फॉर्म में अंग्रेजी, हिंदी के अलावा सिर्फ गुजराती जोड़ने पर हो रहा एतराज
भारतीय संविधान में मान्यता प्राप्त सभी भाषाओं को जोड़ने की उठ रही मांग
जेइइ मेन में पहले से हिंदी व अंग्रेजी का च्वाइस दिया जाता रहा है. इसमें अन्य भाषा को जोड़ना था, तो सिर्फ गुजराती ही क्यों. मराठी, तेलुगू, मैथिली आदि भी जोड़ना था. बड़ी संख्या में छात्रों को लाभ मिलता.
राकेश कुमार, अकादमिक निदेशक, सत्यम वेव
जेइइ मेन में अलग से केवल गुजराती का जोड़ना उचित नहीं है. इससे सिर्फ एक भाषा के छात्राें को लाभ मिलेगा. अगर जोड़ना ही है, तो भारतीय संविधान में मान्यताप्राप्त सभी भाषाओं को जोड़ा जाये.
प्रो योगेंद्र, डीएसडब्ल्यू, टीएमबीयू
हिंदी, अंग्रेजी के अलावा केवल गुजराती भाषा को जेइइ में जोड़ना हम उचित नहीं मानते. संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं का प्रावधान है. सभी भाषाओं को मौका मिलना चाहिए, तभी संतुलन बना रहेगा.
प्रो मनोज कुमार, शिक्षक, टीएनबी कॉलेज
देश भर के छात्रों के लिए यह अच्छी बात होगी कि संविधान में जितनी भाषाओं का प्रावधान है, उन सभी भाषाओं में जेइइ की परीक्षा हो. लेकिन हिंदी अंग्रेजी के साथ सिर्फ एक भाषा को जोड़ना कतई उचित नहीं है.
विजय आनंद, निदेशक, आइट्रेट इंफो
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