भागलपुर : बहू की सेहत का राज पति के अलावा सास भी जाने, इसके लिए बिहार सरकार सास-बहू योजना लेकर आयी है. प्रत्येक पंचायत में इसे लागू कर दिया गया है. बुधवार और शुक्रवार को सास बहू सम्मेलन आंगनबाड़ी केंद्र या पीएचसी में करना है. कम से कम 10 जोड़ी सास- बहू को इसमें भाग लेना जरूरी है. बहू के स्वास्थ्य की जांच सास के सामने करनी है, जिससे सास को पता रहे की घर की बहू का हेल्थ कैसा है. इस बहाने परिवार नियोजन के बारे में भी दोनों को बताना है. सम्मेलन में आने वाली सास के हाथ बहू को गिफ्ट देने की बात कहीं गयी है.
पीएचसी में सम्मेलन, डॉक्टर करेंगे जांच : पीएचसी में सास-बहू सम्मेलन की जिम्मेदारी एएनएम के कंधे पर है. कम से कम 10 साल बहू को इसमें बुलाना आवश्यक है. इसमें बहू अगर गर्भवती है, तो उसका रजिस्ट्रेशन करने के बाद जांच की जाती है, जिसमें गर्भ जांच, प्रसव पूर्व क्लिनिकल व पैथोलॉजिकल जांच शामिल है. बहू को आयरन, कृमिनाशक गोली, टिटनेस का टीका, कैल्शियम की गोली समेत दवा प्रदान की जाती है. मासिक धर्म के समय किस तरह से सफाई रखी जाये इसे भी एएनएम जानकारी देती है. बहू की जांच करने के लिए एक बाहरी चिकित्सक को बुलाया जा सकता है. इसके बदले डॉक्टर को पांच सौ रुपया प्रदान किया जायेगा.
सास को परिवार नियोजन के महत्व की दी जायेगी जानकारी : ग्रामीण क्षेत्र में कुछ सास की सोच रहती हैं कि कम से कम चार बच्चे को बहू जन्म दे. सोच और परिवार के दबाव में आकर बहू पति से अपनी भावना को शेयर नहीं कर पाती. इस सोच को बदलने में सास-बहू योजना कारगर भूमिका निभा सकता है. सम्मेलन में चिकित्सक और एएनएम परिवार नियोजन के लाभ को समझाती है. सरकार इस योजना के लिए प्रति वर्ष एक समिति को करीब नौ हजार रुपया प्रदान करती है. इसमें गिफ्ट समेत अन्य सामग्री शामिल है.