भागलपुर : शिक्षक का संगठन कोई ट्रेड यूनियन नहीं है. शिक्षक केवल किताब नहीं पढ़ाते हैं, बल्कि छात्र-छात्राओं के ग्रहण क्षमता को तय करते हुए पढ़ाते हैं. शिक्षक एक वैश्विक संपदा होते हैं. यह संपदा भौतिक संपदा से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं.
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शिक्षक का संगठन कोई ट्रेड यूनियन नहीं
भागलपुर : शिक्षक का संगठन कोई ट्रेड यूनियन नहीं है. शिक्षक केवल किताब नहीं पढ़ाते हैं, बल्कि छात्र-छात्राओं के ग्रहण क्षमता को तय करते हुए पढ़ाते हैं. शिक्षक एक वैश्विक संपदा होते हैं. यह संपदा भौतिक संपदा से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं. इन्हीं दृष्टि को रखते हुए हमारे संगठन का अखिल भारतीय स्वरूप बना और […]
इन्हीं दृष्टि को रखते हुए हमारे संगठन का अखिल भारतीय स्वरूप बना और हमारी सोच राष्ट्रीयता है. उक्त बातें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के सह संयोजक प्रो वीरेंद्र कुमार सिंह ने कही. वह महासंघ की ओर से आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे.
टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार चौधरी ने शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन के लिए शिक्षकों के योगदान पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ राजभूषण प्रसाद ने की. मंच संचालन प्रो सुबोध विश्वकर्मा ने किया. अतिथियों का स्वागत संयोजक प्रो विजेंद्र कुमार व धन्यवाद ज्ञापन डॉ राजीव कुमार पोद्दार ने किया.
मौके पर प्रो शैलेश्वर प्रसाद, प्रो ब्रजभूषण तिवारी, डॉ राजीव कुमार सिंह, डॉ उमाकांत प्रसाद, प्रो राजीव मुन्ना, प्रो केसी मिश्रा, डॉ शिवशंकर प्रसाद, डॉ प्रीति कुमारी, डॉ कुमारी आरती, डॉ गौरव कुमार, डॉ रामानंद रमण, डॉ विनोद चौधरी, प्रो एसके जिलोका, प्रो जगदीश शर्मा, प्रो बिकल कुमार गुप्ता, प्रो अनिरुद्ध कुमार आदि मौजूद थे.
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