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भागलपुर : बैंककर्मियों की हड़ताल से 400 करोड़ का कारोबार प्रभावित
भागलपुर : बैंक अधिकारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया बैंक आॅफिसर्स कन्फेडेरेशन (आईबॉक) की ओर से राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का शुक्रवार को व्यापक असर दिखा. एक हजार से ज्यादा बैंक कर्मियों के हड़ताल पर रहने की वजह से जिले भर में बैंकिंग कार्य ठप रहा. विभिन्न 40 बैंकों की लगभग 251 शाखाओं में ताले […]
भागलपुर : बैंक अधिकारियों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया बैंक आॅफिसर्स कन्फेडेरेशन (आईबॉक) की ओर से राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल का शुक्रवार को व्यापक असर दिखा. एक हजार से ज्यादा बैंक कर्मियों के हड़ताल पर रहने की वजह से जिले भर में बैंकिंग कार्य ठप रहा. विभिन्न 40 बैंकों की लगभग 251 शाखाओं में ताले लटके रहे. बैंकों मेंहड़ताल के चलते लगभग 400 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ. बैंक ही नहीं, बल्कि एटीएम भी बंद रहे.
लोगों को नकदी को लेकर भारी परेशानी झेलनी पड़ी. केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक बैंक के आपसी विलय के निर्णय के विरोध में, सरकारी दबाव में बैंक द्वारा उद्योगपतियों एवं पूंजीपतियों को दिये गये लाखों-करोड़ों के कर्ज की वसूली सुनिश्चित करने, बैंकिंग इंडस्ट्री के सारे अधिकारियों के लिए एक साथ वेतन समझौता करने, संगठन द्वारा सरकार को दिये गये मांग पत्र के अनुसार वेतन समझौता करने सहित सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में बैंककर्मी हड़ताल पर रहे.
यानी, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) की ओर से राज्य सरकार, वित्त मंत्रालय व आइबीए से बैंक कर्मियों की वेतन बढ़ोत्तरी की मांग पर सकारात्मक पहल नहीं होने की वजह से बैंकों में हड़ताल की गयी. हड़ताल को सफल बनाने में आईबॉक के जिला सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा, इलाहाबाद बैंक के संजय लाठ सहित बैंक कर्मी विश्वंभर, सुदर्शन, अमित, रजनी, जया जागृति, स्नेहा आदि ने अहम भूमिका निभायी.
विभन्न बैंकों सामने दिया धरना-प्रदर्शन
बैंककर्मियों के जत्था ने विभिन्न बैंकों के सामने धरना-प्रदर्शन दिया. बैंक ऑफ इंडिया, खलीफाबाग के सामने आइबॉक के जिला सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा, एसबीआइ मुख्य शाखा के सामने अरुण कुमार सिंह व प्रदीप रजक, राधा रानी सिन्हा रोड स्थित इलाहाबाद बैंक आंचलिक कार्यालय के सामने संजय लाठ, केनरा बैंक के सामने अक्षय भगत, पटल बाबू रोड स्थित आइसीआइसीआइ बैंक के सामने राजेश झा के नेतृत्व में आइबॉक के सदस्य धरना-प्रदर्शन किया. बैंक कमियों ने केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की.
आइबॉक ने एक दशक बाद अकेले दम पर की हड़ताल की घोषणा और मिली कामयाबी : प्रशांत मिश्रा :
आइबॉक के जिला सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि आइबॉक ने एक दशक बाद अकेले दम पर हड़ताल की घोषणा की थी और इसमें कामयाबी भी मिली. इसे सफल बनाने में युवा बैंककर्मी साथियों ने गजब का उत्साह दिखाया. महिला बैंक अधिकारियों ने भी बड़ी संख्या में धरने और प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इस बंद को विभिन्न किसान संघों, मजदूरों, मध्यमवर्गीय लोगों का समर्थन भी प्राप्त हुआ.
उन्होंने कहा कि कर्ज वसूली में विफल सरकार अपनी विफलता को छिपाने के लिए बैंक मर्जर की अव्यावहारिक नीति थोप रही है. इस सरकार में पूंजीपतियों से कर्ज वसूली की इच्छाशक्ति ही नहीं है. सरकार पिछले एक वर्ष से ज्यादा वक्त से वेतन समझौते में टाल मटोल कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की हठधर्मिता यदि जारी रही तो आने वाले
दिनों में बैंक अधिकारी और व्यापक आंदोलन करेंगे.
प्राइवेट बैंक की शाखाओं और एटीएम को कराया बंद: प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने के लिए शुक्रवार सुबह 7.30 बजे से ही आइबॉक के सदस्य एक बैंक से दूसरे बैंक घूमते रहे. एक बड़ा जत्था आइबॉक के जिला सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा के नेतृत्व में घूम रहे थे, तो दूसरा जत्था संजय लाठ के साथ घूम रहा था.
इस दौरान आइसीआइसीआइ, एचडीएफसी, एक्सिस, बैंक ऑफ बड़ौदा, देना, ग्रामीण बैंक आदि को बंद कराया गया. वहीं जहां, जिस जगह पर एटीएम खुला था, उसे भी बंद करा दिया गया. हालांकि, बैंक शाखाओं और एटीएम को बंद कराने के दौरान कहीं कोई विवाद नहीं हुआ. प्रदर्शनकारी जब पहुंचे और संबंधित बैंकिंग शाखाओं को बंद करने कहा गया, तो वे सभी खुद बंद कर संगठन का समर्थन किया गया.
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