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फंड नहीं मिला, तो एक सितंबर से सभी कस्तूरबा विद्यालय होंगे बंद

भागलपुर : जिले के सभी 16 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के संचालकों व वार्डन ने सोमवार को शिक्षा विभाग को लिखित अल्टीमेटम दिया है कि एक सितंबर से विद्यालयों में ताला लटका कर छात्राओं को घर भेज दिया जायेगा. विद्यालयों को अप्रैल से पैसे का आवंटन नहीं हुआ है. विद्यालयों में राशन, कोयला, सब्जी, दूध, […]

भागलपुर : जिले के सभी 16 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के संचालकों व वार्डन ने सोमवार को शिक्षा विभाग को लिखित अल्टीमेटम दिया है कि एक सितंबर से विद्यालयों में ताला लटका कर छात्राओं को घर भेज दिया जायेगा. विद्यालयों को अप्रैल से पैसे का आवंटन नहीं हुआ है.
विद्यालयों में राशन, कोयला, सब्जी, दूध, चिकेन व मिठाइयाें की आपूर्ति करने वाले दुकानदारों ने सामान की आपूर्ति बंद कर दी है. बिजली विभाग विद्यालय का कनेक्शन काटने की धमकी दे रहे हैं. रात में जेनरेटर नहीं चलने से विद्यालय में अंधेरा पसरा रहता है. डीजल खरीदने को भी पैसे नहीं हैं. ऐसी हालत में बच्चियों को भूखे-प्यासे नहीं रख सकते.
महज पांच दिनों का बच गया है राशन
संचालकों और वार्डन का कहना है कि महज पांच दिन का राशन विद्यालय के रसोई घर में बचा हुआ है. राशन देनेवाले दुकानदारों के पास चार से पांच लाख रुपये बकाया हो गया है. रोजाना तगादा से तंग आकर संचालक व वार्डन बीते छह माह से दुकानदारों को आश्वासन दे रहे हैं. इनका विद्यालय में रहना मुश्किल हो गया है. जिले के 16 कस्तूरबा विद्यालयों में करीब 1500 छात्राएं रहकर पढ़ाई कर रही हैं. इधर, विद्यालय संचालकों का कहना है कि हर माह करीब एक लाख रुपये का आवंटन मिलता रहा है. इस राशि से पूरे माह 100 बच्चियों के खाने व रहने का इंतजाम करना पड़ता है.
मुजफ्फरपुर की घटना के कारण बंद नहीं कर रहे स्कूल
संचालकों ने बताया कि, मुजफ्फरपुर में हुई घटना के बाद कस्तूरबा विद्यालय की जांच चल रही है. बिना खाना-पीना के स्कूल चलाना मुश्किल है. अगर बच्चियों को घर भेजकर स्कूल बंद कर दें, तो लोग आरोप लगायेंगे कि कोई गड़बड़ बात हो गयी. इसी कारण स्कूल बंद कर भाग खड़े हुए. उन्होंने बताया कि अबतक जांच टीम यहां नहीं आयी है. एक दिन सीआइडी की टीम फोन पर स्कूल की सुविधाओं की जानकारी ले रही थी.
किसका कितना बकाया
संचालकों ने बताया कि किराने की दुकान पर पांच लाख रुपये का बकाया हो गया है. सब्जी वाले का 35 हजार, चिकेन वाले का 15 हजार, कोयला बेचने वाले का 25 हजार और दूधवाले का 25 हजार रुपये अप्रैल माह के बाद से बकाया है. एक छात्रा के लिए रोजाना पांच टाइम के भोजन का 41.60 रुपये मिलता है. वहीं ड्रेस के लिए छात्राओं को सालभर में 1200 रुपये देना पड़ता है.
विद्यालयों को अप्रैल महीने से ही पैसे का नहीं हुआ है आवंटन
विद्यालयों में राशन, कोयला, सब्जी, दूध, चिकेन, मिठाइयाें की आपूर्ति करनेवाले दुकानदारों ने सामान की आपूर्ति कर दी बंद
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का आवंटन सर्वशिक्षा अभियान योजना से प्राप्त होता है. केंद्र सरकार से नये वित्तीय वर्ष में आवंटन नहीं मिला है. दो दिन पहले सूचना मिली है कि, राज्य से भेजे गये बजट की स्वीकृति मिल गयी है. एक सितंबर से पहले बजट आने की उम्मीद है. विद्यालय के संचालकों, वार्डन और अकाउंटेंट की बैठक सोमवार को की गयी. सभी लोगों ने एक स्वर में पैसे की मांग की.
वीरेंद्र कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान, भागलपुर

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