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मासव्यापी श्रावणी मेले का हुआ समापन, पूर्णिमा पर अजगैबी नगरी में उमड़ा आस्था का जनसैलाब

सुलतानगंज : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का समापन सोमवार को हो गया. श्रावणी पूर्णिमा पर लगभग पौने तीन लाख से अधिक कांवरिया पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा तट से गंगा जल लेकर देवघर व अन्य शिव मंदिरों में जलार्पण को रवाना हुए. एक माह तक चलनेवाले इस मेले में लगभग 40 लाख से अधिक कांवरियों ने गंगा […]

सुलतानगंज : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले का समापन सोमवार को हो गया. श्रावणी पूर्णिमा पर लगभग पौने तीन लाख से अधिक कांवरिया पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा तट से गंगा जल लेकर देवघर व अन्य शिव मंदिरों में जलार्पण को रवाना हुए. एक माह तक चलनेवाले इस मेले में लगभग 40 लाख से अधिक कांवरियों ने गंगा जल भर कर बाबाधाम को प्रस्थान किया. पूर्णिमा को लेकर रविवार की देर रात्रि से ही पूरी अजगैवी नगरी बोलबम के जयघोष से गूंजायमान हो रहा था. पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा तट पर सावन की अंतिम सोमवारी व पूर्णिमा पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा. चप्पा-चप्पा केसरियामय हो गया था. नगर के सभी ठहराव स्थल में लोगो को काफी मशक्कत से जगह सुरक्षित करनी पड़ रही थी. पूर्णिमा पर कांवरियों का जनसैलाब अजगैवी नगरी में देखा गया. श्रावणी पूर्णिमा व अंतिम सोमवारी पर गंगाधाम से लगभग ड़ेढ लाख कांवरिया बाबाधाम को रवाना हुए. वहीं, कई कांवरिया गंगा जल भर कर वाहन से देवघर को प्रस्थान किया. अंतिम सोमवारी व पूर्णिमा को लेकर कांवरिया व ग्रामीण क्षेत्र के लोगो की काफी भीड़ अजगैवी नगरी मे उमड़ी. लगभग पौने तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया. गंगा घाट पर रविवार मध्य रात्रि से सोमवार दोपहर तक काफी संख्या मे लोगो की भीड़ रही. अजगैवी नगरी का चप्पा-चप्पा शिवमय हो गया था. नगर मे कोई भी स्थान श्रद्धालुओं से खाली नहीं था. हर जगह कांवरिया से पटा था. भीड़ को देखते हुए अब तक का रिकॉर्ड श्रावणी पूर्णिमा व अंतिम सोमवारी पर टूट चुका था. पुलिस-प्रशासन व्यवस्था को संचालन मे मुस्तैद दिखी.

अजगैवी मंदिर में 55 हजार श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

सावन की अंतिम सोमवारी व श्रावणी पूर्णिमा को अजगैवीनाथ मंदिर में अहले सुबह से ही पूजा करने के लिए भक्तों की कतारें लगनी शुरू हो गयी. लगभग 55 हजार भक्तों ने बाबा का जलार्पण किया. स्थानापति महंत प्रेमानंद गिरि ने बताया कि सोमवारी व पूर्णिमा को लेकर मंदिर में भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी थी. सुबह से ग्रामीण इलाके के श्रद्धालु पहुंचने लगे थे. चंद्रग्रहण को लेकर मंदिर का पट दोपहर 1:30 बजे के बाद बंद कर दिया गया.

बासुकीनाथ व मनसकामनानाथ भी रवाना हुए भक्त

अंतिम सोमवारी पर अजगैवी नगरी से हजारों कांवरिया गंगा जल लेकर शाहकुंड होते बासुकीनाथ धाम रवाना हुए. सरकारी व्यवस्था की परवाह किये बगैर बाबा भरोसे बासुकीनाथ को भक्त प्रस्थान हो गये. पूरे सावन में लगभग दो से तीन लाख कांवरिया सुलतानगंज से शाहकुंड होते हुए बासुकीनाथ रवाना होते हैं. रविवार देर रात्रि आसपास के विभिन्न इलाकों से भी हजारों भक्त नाथनगर स्थित मनसकामनानाथ मंदिर व शाहकुंड के गिरिवर नाथ मंदिर के अलावा ज्येष्ठ गौरनाथ,उल्टा महादेव, रणगांव शिव मंदिर में जलार्पण के लिए रवाना हुए. ग्रामीण इलाकों से युवक-युवतियां तथा महिला-पुरुष की भारी भीड़ अजगैवीनगरी में देखी गयी. मध्य रात्रि के बाद सुलतानगंज से जल भर कर लगभग 50 हजार भक्तों ने ज्येष्ठ गौरनाथ व मनसकामनानाथ मंदिर के अलावा शाहकुंड के गिरिवरनाथ मंदिर, खड़गपुर,साहेबगंज आदि कई मंदिरों में जलार्पण के लिए कांवरिया पैदल रवाना हुए

पूर्णिमा पर सुलतानगंज के हजारों लोग बने कांवरिया

श्रावणी पूर्णिमा पर सुलतानगंज के हजारों लोग कांवरिया बन कर देवघर रवाना हुए. कृष्णगढ़ मुख्य नियंत्रण कक्ष के अनुसार 83,519 साधारण कांवरिया गंगा जल लेकर बाबा नगरी को रवाना हुए. जबकि, 263 डाकबम प्रमाण पत्र लेकर देवघर गये. कई आकर्षक कांवर सजा कर सुलतानगंज की अलग पहचान लिये हुए हजारों लोग बाबाधाम को रवाना हुए.

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