ठकराहा. स्थानीय प्रखंड में जन वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार और राशन की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रहा है. विभाग की सख्ती के बावजूद डीलर गरीबों के निवाले पर डाका डालने से बाज नहीं आ रहे. पिछले दो महीनों में प्रखंड में तीन डीलरों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं और बुधवार को जगीरहा पंचायत में एक और बड़ा राशन घोटाला पकड़ा गया है. यह दो माह के भीतर उजागर हुआ चौथा मामला है. मशीन में स्टॉक उपलब्ध, गोदाम से गुल ताजा मामला जगीरहा पंचायत के कोटेदार रामचंद्र सिंह की दुकान का है. उपभोक्ताओं द्वारा राशन वितरण नहीं किए जाने की लगातार शिकायतों के बाद बुधवार को प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी राकेश कुमार ने औचक छापेमारी की. जांच के दौरान जो तस्वीर सामने आई, उसने विभागीय दावों की पोल खोल दी है. पॉश मशीन के डिजिटल रिकॉर्ड के अनुसार दुकान पर 109 क्विंटल 93 किलो अनाज का स्टॉक मौजूद होना चाहिए था. लेकिन प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के भौतिक सत्यापन में गोदाम में मात्र दो बोरी अनाज उपलब्ध था. उपभोक्ताओं के फोन पर हुई कार्रवाई बुधवार को डीलर की मनमानी से तंग आकर कई नाराज उपभोक्ताओं ने प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी राकेश कुमार सिंह को फोन कर शिकायत की. त्वरित संज्ञान लेते हुए एमओ द्वारा दुकान की जांच की गयी. जिसमें घोटाला उजागर हुआ. अब आक्रोशित उपभोक्ता प्रशासन से डीलर का लाइसेंस रद्द करने और उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे है. बोले आपूर्ति पदाधिकारी इस संदर्भ में पूछे जाने पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि जांच में बड़ी अनियमितता उजागर हुआ है. गोदाम में मात्र दो बोरी अनाज ही मिला है. इस संबंध में वरीय अधिकारियों को जांच प्रतिवेदन भेजा जा रहा है, जिसके आधार पर कोटेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई जाएगी. हालांकि डीलर रामचंद्र सिंह ने भी स्वीकार किया कि मशीन में उपलब्ध रिकॉर्ड और भौतिक रिकॉर्ड में 20 से 25 बोरी अनाज का अंतर है.
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