बेतिया.सप्लाई सिस्टम की लचरता के कारण बैसाख की तेज गर्मी में जिलाभर के लोग बिजली पॉवर कट की त्रासदी का संकट झेल रहे हैं. अमूमन हर रोज शहर में किश्तों में चार से पांच घंटे की बिजली कटौती हो रही है. जबकि गांवों में तो बुरा हाल है. यहां 8 से 10 घंटे कटौती हो रही है. वजह लोकल फॉल्ट, ट्रिपिंग, शाॅर्ट सर्किट, इंसूलेटर ब्लॉस्ट, ओवरलोड ट्रांसफार्मर इत्यादि हैं. जबकि विभाग हर साल सप्लाई सिस्टम को दुरूस्त करने के लिए लाखों रुपये खर्च करता है, लेकिन गर्मी आते ही यह सिस्टम दगा देने लगते हैं. बिजली का हाल यह है कि बारी टोला ग्रिड में ऑन डिमांड फूल सप्लाई रहते सदर डिविजन के तीन तीन पीएसएस एक ही बार में शट डाउन ले ले रहे हैं. शरीर को झुलसा देने वाली आगनुमा गर्मी के जारी रहते ऐसी स्थिति आए दिन हो रही है. तेज गर्मी में हवा के तेज होने के साथ ही पुराने इंसुलेटर और बिजली के सप्लाई वाले एलटी वायर लोड बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. बीते करीब सात महीने से पुराने एलटी नेकेड व जर्जर सप्लाई वायर को बदल ने का कार्य जारी है. सप्लाई सिस्टम की ऐसी लचरता को लेकर गुरुवार के दिन नौतन, योगापट्टी व मनुआ पुल जैसे शहरी पीएसएस में चार से पांच घंटे रहा ब्रेक डाउन लेना पड़ा. इसके प्रभाव से हजारों उपभोक्ताओं में चिलचिलाती गर्मी के बीच बिजली के बिना त्राहि त्राहि मची रही. मझौलिया सब डिवीजन के सहायक अभियंता विकास कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय से नौतन के लिए 33 केबी वाले सप्लाई विंग में बरवत और खड्डा के बीच का इंसुलेटर फट कर तार के बीच चिपक गया था. इस फॉल्ट को ढूंढने में घंटों लग जाने से सप्लाई बाधित रही. 43 डिग्री तक पहुंच गया तापमान, लोग बेहाल: बेतिया. इन दिनों पूरा जिला भीषण गर्मी और लू की चपेट में है. 21 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही गर्मी हवाएं जहां देह को झुलसा रही हैं. वहीं चिलचिलाती धूप से ऐसा लग रहा है कि जैसे आसमान से आग के गोले बरस रहे हैं. जीव जन्तु सभी पर आफत है. जलाशय सूखने लगे हैं. पहाड़ी नदियों में भी पानी न के बराबर है. जबकि गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है और राहत के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं.
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