बेतिया. जिले में भवन निर्माण विभाग की ओर से चार अरब 44 करोड़ की लागत से 148 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य कराना है, लेकिन संवेदकों की लापरवाही के कारण इन भवनों के निर्माण कार्य में गतिरोध कायम है. निर्माण कार्य की रफ्तार बेहद धीमी है. 129 पंचायतों में से सिर्फ 9 भवन ही प्लिंथ लेवल तक पहुंचे हैं बाकी जगह या तो काम शुरू ही नहीं हुआ या फिर नाममात्र की प्रगति हुई है संवेदकों की लापरवाही सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है. नियमानुसार तय समय में काम पूरा करना जरूरी है, लेकिन कई संवेदकों ने अब तक निर्माण शुरू नहीं किया. भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता कमलेश कुमार ने बताया कि 129 का कार्यादेश विभाग की ओर से संवेदकों को आवंटित कर दिया गया है, जबकि 21 के कार्यादेश आवंटन करने की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा उन्होंने संवेदकों को जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं. अनुबंध शर्तों का पालन न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने पूछने पर बताया कि जरूरत पड़ी तो अत्यधिक विलंब करने वालों के ठेके रद्द कर अन्य संवेदकों को काम सौंपा जाएगा. — मॉडल स्टीमेट के आधार पर हो रहा है निर्माण, एक वर्ष के अंदर कार्य को कर लेना है पूर्ण भवन निर्माण के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि सभी पंचायत भवनों का मॉडल स्टीमेट के आधार पर निर्माण कराया जा रहा है. प्रत्येक भवन का निर्माण तीन करोड़ की लागत से होनी है. निर्माण कार्य को हर हाल में एक वर्ष के अंदर पूर्ण लेना है. इसके बावजूद जिले में पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य बेहद ही धीमी गति से चल रही है. अगर संवेदकों का रवैया यही रहा तो निर्धारित समय सीमा के अंदर पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सकता है. इससे ग्रामीण प्रशासन प्रभावित होगा और सरकार की यह योजना अधर में लटक सकती है. यदि समय पर काम पूरा नहीं हुआ, तो परियोजना की लागत बढ़ेगी और ग्रामीण विकास प्रभावित होगा. अब देखना यह है कि भवन निर्माण विभाग क्या ठोस कदम उठाता है और क्या पंचायत सरकार भवन तय समय में बन पाते हैं या नहीं. — जमीन को भी लेकर फंस रहा है लोचा, ग्रामीण कर रहे काम बाधित एक तरफ पंचायत सरकार भवनों के निर्माण में हो रही देरी के पीछे सबसे बड़ी वजह संवेदकों की लापरवाही सामने आ रही है, तो दूसरी तरफ भवन निर्माण को लेकर पंचायतों में आवंटित जमीन को लेकर फंसाया जा रहा लोचा भी कम नहीं है. कार्यपालक अभियंता की माने,तो आवंटित जमीन को ग्रामीण स्वयं की या सार्वजनिक बता रहे हैं. कार्य कराने गए संवेदक के काम को बाधित कर दे रहे हैं. इसका असर निर्माण कार्य पर पड़ रहा है. इतना ही नहीं हालांकि विभाग की ओर से संवेदकों को निर्देश दिए हैं, लेकिन उनके कार्यशैली में किसी तरह सुधार नहीं हुआ है. बाक्स : भवन निर्माण विभाग के अभियंता ने की बिनवलिया में पंचायत सरकार भवन की जांच फोटो 08, कैप्सन : जांच करते सहायक अभियंता नरकटियागंज. प्रखंड के पंचायतों में चल रहे पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य की जांच की गयी. भावन निर्माण विभाग के सहायक अभियंता के साथ पहुंची टीम ने बिनवलिया पंचायत में बन रहे पंचायत सरकार भवन निर्माण की जांच की. सहायक अभियंता पुनीत गुप्ता बिनवलिया पहुंचे और निर्माण करा रही एजेंसी को गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने का निर्देश दिया. इस दौरान उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से बात की और संवेदक को हर हाल में मानक के अनुरूप कार्य कराने का निर्देश दिया. सहायक अभियंता श्री गुप्ता ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से शिकायत मिली थी कि पंचायत सरकार भवन के निर्माण कार्य में अनियमितता बरती जा रही है. फाउंडेशन के कार्य का निरीक्षण किया गया. फाउंडेशन में इस्टीमेट के अनुसार कार्य हो रहा है कि नही इसकी जांच की गयी. जांच से संबंधित रिपोर्ट विभाग को भेजी जा रही है. निर्माण कार्य में एक एक बिन्दुओं पर जांच की गयी है. मामले में निर्माण एजेंसी के संवेदक को इस्टीमेट के अनुसार कार्य करने को कहा गया है. साथ ही कनीय अभियंता को कार्य के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रखंड के धुमनगर, भभटा, शेरहवा, नौतनवा, परोराहा, बनवरिया, सुगौली, डुमरिया मल्दहिया पोखरिया आदि पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्य का भी निरीक्षण किया गया है. सभी जगहों पर कनीय अभियंता की निगरानी में कार्य कराने का निर्देश जारी किया गया है. साथ ही निर्माण एजेंसियों को हर हाल में गुणवत्तापूर्ण कार्य करने का निर्देश दिया गया है.
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