बेतिया . वैसे तो मकर संक्रांति आने में अभी लगभग दो हफ्ते का समय बाकी है. मगर जैसे-जैसे ठंड अपना असर दिखा रही है, वैसे-वैसे मकर संक्रांति का रंग भी बाजारों में घुलने लगा है. शहर के प्रमुख बाजारों में तिलकुट की सोंधी खुशबू लोगों को अपनी ओर खींच रही है. तिल और गुड़ से बनने वाला यह पारंपरिक व्यंजन न सिर्फ त्योहार की पहचान है, बल्कि सर्द मौसम में सेहत के लिहाज से भी खास माना जाता है. लाल बाजार से लेकर सोआ बाबू चौक तक, समाहरणालय चौक, सुप्रिया रोड, स्टेशन चौक स्थित घर संसार में सजे तिलकुट की स्टालों पर दिन-प्रतिदिन रौनक बढ़ती जा रही है. मकर संक्रांति नजदीक आते ही शहर की कई इलाकों में तिलकुट की अस्थाई दुकानें लगनी शुरू हो गई हैं. लाल बाजार में सुबह से देर शाम तक कारीगर तिल भूनने, गुड़ पिघलाने और तिलकुट को आकार देने में जुटे रहते हैं. दुकानों के आस पास फैलती तिल और गुड़ की खुशबू राहगीरों को भी रूकने पर मजबूर कर रही है. ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए चीनी, गुड़ और खोआ से बने तिलकुट तैयार किया जा रहे हैं.
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