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मस्तिष्क ज्वर-चमकी बुखार संक्रमण की रोकथाम की सभी व्यवस्थाएं रखें अपडेट : डीएम

एईएस/जेई संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने एवं इसके कुशल प्रबंधन को लेकर शुक्रवार को डीएम दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक समाहरणालय सभागार में सम्पन्न हुई.

बेतिया. एईएस/जेई संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने एवं इसके कुशल प्रबंधन को लेकर शुक्रवार को डीएम दिनेश कुमार राय की अध्यक्षता में जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक समाहरणालय सभागार में सम्पन्न हुई. जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि जेई/एईएस (मस्तिष्क ज्वर-चमकी बुखार) की रोकथाम के लिए सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सभी व्यवस्थाएं अपडेट रखें. मेडिकल कॉलेज सहित जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट रखें। अस्पतालों में वार्ड, बेड एवं दवा की पर्याप्त व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि सभी पीएचसी को अलर्ट मोड में रखा जाय. ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में बच्चों की जान बचाई जा सके। इसके साथ ही कम्युनिकेशन प्लान का बेहतर तरीके से इंप्लेमेंटेशन कराना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चा अनमोल है, एक-एक बच्चे का विशेष ख्याल रखना है. प्रभावित बच्चा ससमय अस्पताल पहुंच जाय और उसे समुचित चिकित्सा उपलब्ध हो, इसे हर हाल में सुनिश्चित करें। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. लापरवाही, कोताही बरतने वाले डॉक्टरों एवं कर्मियों को चिन्हित करते हुए उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि सभी पीएचसी में जेई/एईएस से बचाव हेतु सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया करें. आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस, विटामिन ए सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायें. साथ ही पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस की व्यवस्था, डॉक्टर, नर्सेंज की उपस्थिति आदि की समुचित व्यवस्था सभी स्वास्थ्य संस्थानों में रहनी चाहिए. सिविल सर्जन स्वयं सभी कार्यों का नियमित अनुश्रवण एवं निरीक्षण करते रहेंगे. किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही एवं शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित किया जाय. साथ ही गांव-पंचायतों से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य केन्द्र पर लाने के लिए वाहनों की टैगिंग अविलंब सुनिश्चित किया जाय. उन्होंने कहा कि हर हाल में पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया जाना है, इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही, शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी. सीएस ने बताया कि अभिभावक अपने-अपने बच्चों को रात में बिना खाना खिलाएं नहीं साने दें. अगर कोई बच्चा शाम के समय में खाना खाया है और सो गया है तो उसे भी रात में जगाकर अवश्य खाना खिलाएं. इसके साथ ही बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, शक्कर, चीनी आदि खिलाएं. उन्होंने कहा कि चमकी बुखार अधिकांशतः रात के 02 बजे से 04 बजे के बीच आक्रामक रूप लेता है, इस समय सभी अभिभावकों को सचेत रहने की आवश्यकता है. अगर चमकी के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र के एएनएम, आशा कार्यकर्ता अथवा आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें. इनके माध्यम से आवश्यक दवाएं तथा प्राथमिक उपचार की जायेगी तथा नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार किया जायेगा.

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