बेतिया. आजकल किसी भी ऑपरेशन के बाद महिलाओं में एक गंभीर बीमारी हमेशा निरंतर पेशाब का बार बार आते रहने की बीमारी प्रबल होती जा रही है. बिना महसूस हुए हमेशा चलते फिरते उठते बैठते पेशाब का आना एक गंभीर बीमारी बनती जा रही है. इसके लिए शहर के प्रसिद्ध सर्जन एवं आरएच स्टोन सुपरस्पेशलिटी हॉस्पीटल के निदेशक डा. एम हिदायतुल्लाह बताते हैं कि इसका सबसे सहज उपाय उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि इस लगातार आते रहनेवाले पेशाब की प्रक्रिया को फिस्टुला कहा जाता है, जो महिलाओं में सर्जरी के बाद देखी जा रही है. अक्सरहा जिन महिलाओं को सर्जरी, संक्रमण, चोट, क्रोनिक रोग होने पर यह बीमारी पकड़ लेती है. अन्यथा यह किसी में जन्मजात भी होता है. फिस्टुला एक गंभीर और दर्दनाक स्थिति है. जिसमें दो अंगो या उतकों के बीच एक सामान्य कनेक्शन बन जाता है. यूरेटेरोवजिनल फिस्टुला में मूत्राशय और योनि के बीच एक कनेक्शन बन जाता है. जिसमें मूत्र लगातार योनि से निकलने लगता है. वही रेक्टोवेजिनल फिस्टुला में मलाशय और योनि के बीच एक कनेक्शन बन जाता है. इसमें भी प्रभावित को परेशानी होती है. जबकि यूरेटेरोइंटेस्टाईनल फिस्टुला मूत्राशय और आंत के बीच होता है. डा. हिदायतुल्लाह ने बताया कि वे महिलांए जो योनि से लगातार पेशाब के रिसाव से परेशान हैं और जिनके कपड़े बार बार गीले हो जाते है. यह समस्या डिलीवरी, हिस्टेरेक्टॉमी, डिलीवरी से संबंधित सर्जरी या किसी अन्य पेल्विक सर्जरी बाद हो सकती है. ऐसे में फिस्टुला के लक्षण आने पर मरीज को सीधे चिकित्सक से मिलकर अपनी समस्या बतानी चाहिए. जिससे चिकित्सक शारीरिक परीक्षण, इमेजिंग टेस्ट, एंडोस्कोपी, या लैब टेस्ट के आधार पर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं और इसका इलाज आंरभ करते हैं. वे बताते है कि फिस्टुला का सफल इलाज ऑपरेशन है. उन्होंने यह भी बताया कि अब आरएच स्टोन सुपरस्पेशलिटी हॉस्पीटल में फिस्टुला के मरीजो को निःशुल्क परामर्श एवं रियायती दर पर इलाज की सुविधा दी जा रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है