मधुबनी. स्थानीय प्रखंड अंतर्गत सिसई पंचायत के सोहगीबरवा में इन दिनों कटाव की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है. बारिश नहीं होने से गंडक नदी का जलस्तर घटने और पानी की तेज बहाव से खेतिहर जमीन का कटाव हो रहा है. जिस कारण किसानों की उपजाऊ जमीन गंडक में समाहित हो रही है. सिसई पंचायत के सोहगीबरवा, नरहवा, घोड़हवा के किसानों की सैकड़ों एकड़ गन्ना एवं धान की फसल नदी में विलीन होते देख आंखों से आंसू निकल जा रहा है. पिछले चार-पांच दिनों से कटाव जोरों पर है. किसान योगेंद्र यादव, रामाशीष यादव, रामचंद्र यादव, श्रवण यादव, बीरा गद्दी, मदन गद्दी, ललन गद्दी, सरपंच सुभाष यादव, पूर्व मुखिया बालमुकुंद गद्दी, पूर्व बीडीसी जयप्रकाश यादव आदि के गन्ने की लगी फसल गंडक नदी की कटाव से विलीन हो गए हैं. वही वीरेंद्र यादव ने बताया हर साल हमारी कई बीघा जमीन नदी में चली जाती है. अब तो घर तक खतरे में है. अगर कटाव ऐसे ही जारी रहा तो हम कहीं और बसने को मजबूर हो जाएंगे. इसी तरह किसान बीरगुन गदी ने कहा कि खेती ही हमारी रोजी-रोटी है. लेकिन जमीन कटने से परिवार का पालन-पोषण मुश्किल होता जा रहा है. सरकार सिर्फ आश्वासन देती है लेकिन काम कुछ नहीं होता. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक महीने में कई बीघा खेत नदी में समा चुका है. कटाव की रफ्तार तेज होने से गांव के घर और बुनियादी ढांचे पर भी खतरा मंडरा रहा है. किसानों ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि तत्काल कटाव रोकने के लिए पक्की योजना बनाई जाए और बचाव कार्य शुरू किया जाए. उनका कहना है कि अगर समय रहते पहल नहीं की गयी, तो आने वाले दिनों में कई परिवार विस्थापित होने को मजबूर हो जाएंगे. इस बाबत मधुबनी सीओ नंदलाल राम ने बताया कि कटाव की रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को भेज दी गयी है. जैसे ही कोई आदेश होगा पालन किया जाएगा.
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