बेतिया. साइकिल से गिरकर घायल होने के पश्चात इलाज के दौरान मौत होने पर मंगलवार की सुबह जीएमसीएच में जमकर हंगामा हुआ. मृतक की पहचान मनुआपुल थाना क्षेत्र के बेतवनिया वार्ड 9 निवासी स्व फरजान मियां के पुत्र नसरूदीन अंसारी (45) के रूप में हुई है. घटना की जानकारी देते हुए मृतक के छोटे भाई फैजान अंसारी ने बताया कि नसरूदीन राजमिस्त्री का काम करते थे. छह बजे सुबह साइकिल लेकर लेबर को लेने के लिए मनुआपुल जा रहे थे. घर से थोड़ी दूर जाने पर ही साइकिल से गिर गये. परिजन साढ़े छह बजे उन्हें लेकर जीएमसीएच पहुंचे. लाने के बाद मरीज को उल्टी भी हुई. नर्सिंग स्टाफ आकर देखकर चली गई. मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी. परिजन डॉक्टर की तलाश करने लगे. इस दौरान डॉ संतोष बरनवाल नामक चिकित्सक पहुंचे, जिन्होंने मरीज को देखकर कहा कि इनकी मौत हो गई है. इसपर परिजन हंगामा करने लगे. हंगामे के कारण करीब एक घंटे तक अस्पताल परिसर में अफरातफरी मची रही. जिसके कारण कैजुअल्टी वार्ड में भर्ती मरीजों का इलाज भी प्रभावित हुआ. हंगामे की सूचना पाकर टीओपी प्रभारी मदन कुमार मांझी दल-बल के साथ पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद परिजनों को शांत कराते हुए शव को परिजनों के हवाले कर शव वाहन से घर भिजवाया. हालांकि इस दौरान जीएमसीएच के कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी वहां मौजूद नहीं थे. वहीं चिकित्सक ने बताया कि मरीज का शुगर लेवल हाई था. जिसके कारण कार्डियक अरेस्ट से मौत होने की संभावना हो सकती है.
– अगर समय से होता इलाज, तो बच सकती थी नसरूदीन की जान
आक्रोशित परिजनों ने कहा कि वे बार बार डॉक्टर की गुहार लगाते रहे. लेकिन वे मरीज को देखने नहीं आये. जबकि नसरुद्दीन की सांस चल रही थी. बावजूद डॉक्टर आने को तैयार नहीं हाे रहे थे. उनका कहना था कि अगर समय से डॉक्टर इलाज करते व सीपीआर दी जाती, तो शायद उनकी मौत नहीं होती. वहीं डॉक्टरों को माने तो, सिर में चोट होने और शुगर लेबल 200 तक होने के कारण कार्डियक अरेस्ट से मौत होने की संभावना हो सकती है. परिजनों का यह भी आरोप था कि मरीज की मौत को लेकर जब उन्होंने विरोध जताया, तो ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने पहले थप्पड़ मारा व उसके बाद गार्ड से डंडा लेकर मारपीट भी की.
– बयान
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