– दोहरे हत्याकांड में 22 तिथियों के बाद भी नहीं आ रहे थे कोर्ट, गिरफ्तारी का था आदेश – गुजारिश पर कोर्ट ने वारंट किया रिकॉल, हुई गवाही बेतिया . दोहरे हत्याकांड के मामले में आखिरकार केस के आईओ सह पटना के कदमकुआ थान के मौजूदा थानेदार अजय कुमार मंगलवार को बगहा में जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की कोर्ट के समक्ष हाजिर हुए. उन्होंने पटना में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में व्यस्तता का हवाला देते हुए कोर्ट से जारी गैरजमानती वारंट को रिकॉल करने और उनका साक्ष्य कराने की गुजारिश की. इसपर अदालत की अनुमति से अनुसंधानकर्ता अजय कुमार का मुख्य परीक्षण एवं प्रतिपरीक्षण हुआ. इसके बाद उन्हें मुक्त किया गया. अभियोजन पदाधिकारी तथा अनुसंधानकर्ता अजय कुमार ने कोर्ट में कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यकम पटना में 29 व 30 मई को था. उन्हे विधि व्यवस्था सम्भालने में ड्यूटी लगी थी, इस वजह से वें न्यायालय में साक्ष्य देने के लिए उपस्थित नहीं हो पाये थे. न्यायिक आदेश के प्रति उनका पूर्ण सम्मान है तथा वें सदैव न्यायिक आदेश को सर्वोपरी मानते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए तत्पर रहते है. उन्होंने जानबूझकर कोई उपेक्षा नहीं बरती है. यह प्रथम बार ऐसा हुआ है. उन्होंने न्यायिक आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कर अपना साक्ष्य दे दिया है. ऐसे में उनके विरूद्ध निर्गत गैर जमानतीय वारंट को वापस लेने की कृपा की जाए. बता दें कि जून 2023 में झलरी देवी एवं इनके देवर पहवारी यादव की हत्या कर दी गई थी. झलरी देवी के बेटे बनारसी यादव ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इस मामले में कुल नौ साक्षियों में से डॉक्टर, सूचक सहित सभी आठ साक्षियों का साक्ष्य हो चुका था. उच्च न्यायालय द्वारा के निर्देश के आलोक में इस मामले की स्पीडी ट्रायल चल रही है. बावजूद इसके पिछले बाईस तिथियों में दोहरे हत्या कांड जैसे जघन्य अपराध में अनुसंधानकर्ता अजय कुमार साक्ष्य देने के लिए उपस्थित नही हो रहे थे. इसी वजह से पिछली तिथि को उनके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट निर्गत किया गया था. इसके अनुपालन में मंगलवार को अनुसंधानकर्ता का मुख्य परीक्षण एवं प्रतिपरीक्षण पूर्ण हो गया. कोर्ट ने आइओ की गुजारिश पर इनके खिलाफ जारी गैर जमानतीय वारंट को रिकॉल करने का आदेश दिया. साथ ही कहा कि अनुसंधानकर्ता अजय कुमार को यह निर्देश दिया जाता है कि वें अपने विधिक कर्तव्यों के प्रति सजग रहे तथा भविष्य में इस तरह की न्यायिक आदेशो के प्रति उदासिनता ना बरते.
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