Chanakya Niti: आपनें अक्सर अपने ऑफिस में देखा होगा कि कई लोग आपसे कम योग्य और काबिल रहते हैं वे भी लगातार तरक्की में तरक्की करते जाते हैं. जबकि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो उनसे ज्यादा योग्य और मेहनती होते हैं वह पिछड़ जाते हैं. आप भी ऐसे लोगों को देखकर सोच में पड़ जाते होंगे. पर ऐसा क्यों होता है क्या आपनें सोचा होगा. ऐसे में ज्यादातर लोगों के दिमाग में यही जाता है कि उनका बॉस के साथ उनका अच्छा तालमेल होगा. लेकिन हर बार केवल यही वजह नहीं होती है. दरअसल इसके पीछे सबसे बड़ी वजह होती है इंसान का स्वाभाव और आदतें हैं और कार्यस्थल पर 90 फीसदी लोग वही कर बैठते हैं. आचार्य चाणक्य ने हजारों साल पहले ही उन गलतियों के बारे में बताया था जो उन्हें काम करने के स्थान पर नुकसान पहुंचाता है. आइये जानते हैं दफ्तर में किस तरह के लोग सबसे ज्यादा घाटे में रहते हैं.
हर किसी को खुश रखने की कोशिश करने वाले लोग
चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति दफ्तर में किसी सूरत में सबको खुश रखना चाहता है, वह अंत में खुद को ही नुकसान पहुंचाता है. ऑफिस में ऐसे लोग अपनी जिम्मेदारियों से ज्यादा दूसरों की सहायता करते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर उन्हें समर्थन नहीं मिलता. धीरे-धीरे उनकी पहचान ‘यूज होने वाले कर्मचारी’ के रूप में बन जाती है.
Also Read: 90% लोग नौकरी में करते हैं ये 3 गलतियां, चाणक्य से जानें बचने का तरीका वरना करियर बर्बाद
अपनी कमजोरी सबके सामने बताने वाले
आचार्य चाणक्य के अनुसार, अपनी कमजोरियां हर किसी को बताना सबसे बड़ी भूल है. खासकर ऑफिस में. अगर कोई व्यक्ति बार-बार अपनी परेशानी, असुरक्षा या डर जाहिर करता है, तो कुछ लोग इसका फायदा उठाने लगते हैं. इससे व्यक्ति की छवि कमजोर बनती है और उस पर भरोसा कम होने लगता है.
ज्यादा बोलने और बहस करने वाला
चाणक्य नीति में कहा गया है कि अनावश्यक बोलने वाला व्यक्ति खुद ही मुसीबत को गले लगाता है. ऑफिस में जो लोग हर मीटिंग में बहस करते हैं या हर विषय पर राय देना जरूरी समझते हैं, वे अक्सर सीनियर्स की नजर में अनुशासनहीन माने जाते हैं. इससे उनके प्रमोशन और ग्रोथ पर असर पड़ता है.
भावनाओं में बहकर फैसले लेने वाले
ऑफिस में भावनात्मक होकर लिया गया फैसला कई बार करियर को नुकसान पहुंचा सकता है. चाणक्य के अनुसार, क्रोध, डर या जल्दबाजी में किया गया निर्णय व्यक्ति की समझ पर सवाल खड़ा कर देता है. ऐसे लोग अक्सर पछतावे की स्थिति में पहुंच जाते हैं.
मेहनत तो करते हैं, लेकिन खुद को मैनेज नहीं कर पाते
चाणक्य की नीति में कहा गया है कि तरक्की के लिए केवल मेहनत काफी नहीं होता, खुद को प्रस्तुत करना और सही समय पर सही बात रखना भी जरूरी है. ऑफिस में कई लोग खूब मेहनत करते हैं, लेकिन अपनी उपलब्धियों को सही तरीके से सामने नहीं रख पाते. नतीजतन, उनकी मेहनत नजरअंदाज हो जाती है.
Also Read: Chanakya Niti के अनुसार ये 5 लोग जो बर्बाद कर देते हैं महिलाओं का जीवन

