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जांच टीम ने पेप्सी प्लांट का निरीक्षण किया, डीएम को सौंपेंगे प्रतिवेदन

पेप्सी संयंत्र के चलते स्वास्थ्य सहित विभिन्न विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करने की जन शिकायत मिलने के बाद बेगूसराय डीएम ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी सोमनाथ सिंह की अध्यक्षता में सत्यता की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था.

बीहट. बरौनी के समीप पेप्सी प्लांट के कारण वहां के भू-जल स्तर में कमी आने तथा संयंत्र के अपशिष्ट पदार्थों के उत्सर्जन के चलते आसपास का पूरा वातावरण प्रदूषित होने तथा स्थानीय आबादी को पेप्सी संयंत्र के चलते स्वास्थ्य सहित विभिन्न विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करने की जन शिकायत मिलने के बाद बेगूसराय डीएम ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी सोमनाथ सिंह की अध्यक्षता में सत्यता की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. जिसमें सदर एसडीओ राजीव कुमार, पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार, जिला बाढ़ नियंत्रण कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ज्ञानेश्वरी किरण, बरौनी बीडीओ अनुरंजन कुमार, सीओ सूरजकांत तथा नगर परिषद बीहट के कार्यपालक पदाधिकारी कृष्ण स्वरूप कमेटी में शामिल थे. जांच टीम को यह दायित्व दिया गया था कि अपने जांच के क्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, आमजन तथा पेप्सी प्रबंधक से वार्ता कर तीन दिनों के भीतर मंतव्य सहित प्रतिवेदन देते हुए समिति अपने प्रतिवेदन में भविष्य के लिए सूझाव से भी अवगत कराएं. उसी आलोक में सोमवार को जांच टीम पेप्सी प्लांट पहुंची और प्लांट हेड मनोज द्विवेदी से शिकायत से संबंधित बातों की विस्तृत जानकारी प्राप्त किया. इस क्रम में जांच टीम ने पेप्सी प्लांट के कारण भू-जल का स्तर गिरने, पेप्सी प्लांट के लिए पानी का स्त्रोत, प्रतिदिन कितनी मात्रा में पानी का दोहन तथा इसके लिए निर्गत प्रमाण पत्र, एनओसी, एक लीटर पीने के पानी तथा कोल्ड ड्रिंक तैयार करने में कितनी मात्रा में पानी का खर्च सहित इसके अपशिष्ट से होने वाले प्रदूषण से संबंधित तमाम जानकारी लिया गया. पेप्सी प्लांट हेड ने मजबूती से रखा है अपना पक्ष : जानकारी के अनुसार जांच टीम के समक्ष पेप्सी प्लांट हेड मनोज द्विवेदी, एचआर हेड दिलीप कुमार मिश्रा तथा एचआर गौरव कुमार मिश्रा ने सभी सवालों का जवाब पूरे साक्ष्य के साथ मजबूती से रखा. उन्होंने बताया कि बरौनी में प्लांट लगाने से पहले भी यहां का वाटर लेवल जांच कराया गया था और वर्ष 2022 में फैक्ट्री स्थापित करने के समय से ही दो-दो पीजो मीटर लगाया है जो ऑटोमैटिक और ऑनलाइन है. यह लगातार यहां की वाटर लेवल को बताता है. किसी भी प्रकार से रिपोर्ट में अंतर होने पर अविलंब अलर्ट सूचना एसएमएस के माध्यम से केंद्र एवं प्लांट को भेजता है. इसमें आंकड़ों का अवलोकन करने पर 2022 में 5.7 मीटर, 2023 में 5.6 मीटर तथा 2025 में यह 5.3 मीटर पर आ गया है जो आस-पास के भू-जल स्तर के लिए अच्छा संकेत है. प्लांट हेड मनोज द्विवेदी ने बताया कि पेप्सी प्लांट को सक्षम प्राधिकार द्वारा प्राप्त आदेश में निर्दिष्ट किया गया है कि वह 3237 केएल वाटर प्रतिदिन भू-जल दोहन कर सकता है. हमारे यहां मात्र 2000 केएल प्रतिदिन भू-जल दोहन किया जाता है. उपयोग में लाए गए पानी से निकले वेस्टेज पानी का ट्रीटमेंट कर तीन तालाबों के माध्यम से वापस पृथ्वी में पहुंचाया जाता है और शेष पानी का ट्रीटमेंट कर तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से संकलित कर उसे भी पृथ्वी के सतह तक पहुंचाया जाता है. इससे बचे पानी का उपयोग ब्यालर,वाटर कुलिंग टावर तथा वनस्पति पोषण में किया जाता है.यहां एक बूंद भर पानी की बर्बादी नहीं होता है. यहां लगातार जल स्तर में वृद्धि दर्ज किया गया है. वहीं एचआर हेड दिलीप कुमार मिश्रा ने बताया कि पेप्सी प्लांट के लिए 160 से 180 मीटर गहराई से पानी लिया जाता है. एक लीटर वाटर और कोल्ड ड्रिंक तैयार करने में मात्र 1.26 लीटर पानी का उपयोग करता है और इससे भी कम करने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है. पर्यावरण, वायु और जल प्रदूषण को लेकर फैक्ट्री नॉर्म्स के अनुसार संयंत्र लगाये गये हैं जो ऑन लाइन और ऑटोमैटिक है. वह प्रदूषण को लेकर अलर्ट सूचना एसएमएस के माध्यम से देता है तथा प्रदूषण विभाग द्वारा प्रमाण-पत्र प्राप्त है. क्या कहा जांच टीम के अध्यक्ष ने : वहीं इस संबंध में जानकारी देते हुए जांच टीम के अध्यक्ष सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी सोमनाथ सिंह ने बताया कि बरौनी बियाडा क्षेत्र स्थित वरूण वैवरेज पैप्सी प्लांट का स्थलीय निरीक्षण किया गया तथा सभी संबंधित कागजातों का अवलोकन किया गया है. उन्होंने कहा प्लांट हेड को निर्दिष्ट किया गया है कि किसी भी परिस्थिति में भू जल दोहन से भू जल स्तर पर कुप्रभाव नहीं पड़े. गंगा से जल प्राप्त कर उत्पादन शुरू करें. यहां एक और कोक फैक्ट्री स्थापित होगा. समन्वय स्थापित कर इसके लिए मैप तैयार करने में जूट जाएं. यहां के स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार की गारंटी हो. सीएसआर फंड से आस-पास के क्षेत्रों में अधिक से अधिक विकासोन्मुखी कार्य किया जाये और सृजनात्मक कार्य किया जाये. उन्होंने कहा कि जांच प्रतिवेदन सभी सदस्यों द्वारा तैयार किया जायेगा जिसे सूझाव के साथ जिला पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा. मौके पर बीहट नगर परिषद की मुख्य पार्षद बबीता देवी, वार्ड पार्षद अशोक सिंह, डीजीएम बियाडा आदर्श कुमार, एरिया मैनेजर ज्योति कुमारी, बरौनी थानाध्यक्ष रंजन कुमार ठाकुर, प्रभारी अंचल निरीक्षक नितिन कुमार सहित अन्य अधिकारी भी बैठक में शामिल थे.

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