बेगूसराय. निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (विजिलेंस) की टीम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बेगूसराय में बड़ी कार्रवाई की है, जहां सीआइडी इंस्पेक्टर माधव ठाकुर के ठिकाने पर 10 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी की गयी. इसमें बड़े पैमाने पर आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सूचना मिली थी कि बिहार पुलिस मुख्यालय के अपराध अनुसंधान विभाग- कमजोर वर्ग में तैनात पुलिस निरीक्षक इंस्पेक्टर माधव ठाकुर द्वारा बड़े पैमाने पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. सूचना मिलने के बाद जांच करते हुए निगरानी विभाग ने 26 नवंबर को केस नंबर-100/25 दर्ज किया और छापेमारी के लिए तीन विशेष टीम बनायी गयी. टीम ने शुक्रवार की दोपहर एकसाथ माधव ठाकुर के पटना स्थित आवास पर जाकर छापेमारी शुरू कर दी. इसके साथ ही बेगूसराय में साहेबपुरकमाल थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर में स्थित माधव ठाकुर के पैतृक आवास तथा बेगूसराय जिला मुख्यालय के बाघी मुहल्ले में स्थित आवास पर छापेमारी कर दी. इसमें छह से अधिक जमीन के कागजात, 12 से अधिक बैंक खाता एवं इंश्योरेंस और म्युचुअल फंड सहित विभिन्न जगहों पर बड़े पैमाने पर निवेश के कागजात मिले हैं, जिसे जब्त कर लिये गये हैं. सबसे अधिक देर तक छापेमारी बेगूसराय के बाघी मोहल्ले स्थित आवास पर चली, जहां की चार गाड़ी से विजिलेंस के पुरुष एवं महिला अधिकारी शाम करीब 4:20 बजे आवास से करीब 200 मीटर दूर गाड़ी रोककर अचानक धावा बोल दिया. लोग जब तक कुछ समझ पाते टीम के अधिकारी अंदर चले गये. मेन गेट बंद कर लिया गया. घर में माधव ठाकुर तो मौजूद नहीं थे, लेकिन परिवार के अन्य सदस्यों से लगभग 10 घंटे तक पूछताछ और घर में के एक-एक सामान की तलाशी ली गयी. यहां से अहम दस्तावेज बरामद किये गये हैं. 2009 बैच के दारोगा माधव ठाकुर साहेबपुरकमाल थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव के स्वर्गीय देवनंदन ठाकुर के पुत्र हैं. विभिन्न जगहों पर दारोगा पद पर रहने के दौरान उन्होंने बड़ी पैमाने पर काली कमाई अर्जित करने का आरोप है. वह वर्तमान में अपराध अनुसंधान विभाग पटना में कमजोर वर्ग के पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. अब तक की जानकारी के अनुसार प्रारंभिक जांच में आय से करीब 30 लाख रुपये अधिक की संपत्ति का पता चला है. जांच के अनुसार संपत्ति उनकी कमाई से आधे से भी अधिक हैं. इस संबंध में माधव ठाकुर के घर पर के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि करीब तीन साल पहले माधव ठाकुर ने यहां चार मंजिला आलीशान मकान बनवाया, जो करोड़ों की लागत की है. मोहल्ले में सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं, लेकिन माधव ठाकुर किसी से कोई मतलब नहीं रखते थे. निगरानी विभाग की छापेमारी से पहले मोहल्ले के लोग यह भी नहीं जानते थे कि घर किसका है. घर के अंदर हमेशा एक फोर व्हीलर गाड़ी लगी रहती थी और गेट बंद रहता था. कल शाम जब निगरानी विभाग की टीम ने छापेमारी किया तो मोहल्ले में हलचल बढ़ गयी. लोग चर्चा करने लगे, लेकिन किसी को कुछ पता नहीं चल रहा था. लोगों का कहना है कि माधव ठाकुर आते भी थे, तो बाहर कभी रुकते नहीं थे. उनके आने से पहले गेट खुल जाता था और गाड़ी डायरेक्ट गेट के अंदर चली जाती थी. छापेमारी के दौरान रात करीब 2:00 बजे तक मोहल्ले में चर्चा चलती रही, लेकिन कोई भी लोग कुछ बोलने को तैयार नहीं थे, उसके बाद निगरानी की टीम यहां से निकली है.
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