बेगूसराय. जिले में कुपोषण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का बिगुल बज गया है. जिला प्रशासन द्वारा आयोजित 8 अप्रैल से 22 अप्रैल तक चलने वाले पोषण पखवाड़ा के तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को पोषण रैली का आयोजन किया गया. इस पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य जीवन के प्रथम हजार दिन के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना और बच्चों में बढ़ रहे मोटापे की समस्या पर अंकुश लगाना है. रैली का शुभारंभ गांधी स्टेडियम से हुआ. जिसमें सैकड़ों की संख्या में सेविकाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए. रैली शहर के मुख्य मार्गों से गुजरी, जहां प्रतिभागियों ने पोषण जागरूकता के नारे लगाए और पोषण के महत्व को दर्शाते तख्ती व बैनर प्रदर्शित किया. इस जागरूकता रैली में आइसीडीएस के जिला समन्वयक मृत्युंजय कुमार, जिला परियोजना सहायक अश्वनी कौशिक, प्रखंड समन्वयक प्रीति कुमारी, महिला पर्यवेक्षिका हेमलाल नीतू और पिरामल फाउंडेशन से दीपक मिश्रा, नेहा सिंह व आरती शर्मा ने सक्रिय रूप से भाग लिया.
लोगों को किया गया जागरूक
जिला प्रशासन ने इस पोषण पखवाड़े को एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया है. स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, पीएचइडी, जीविका और पिरामल फाउंडेशन जैसी प्रमुख संस्थाएं इस अभियान में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है. स्वयंसेवी संगठनों, धर्मगुरुओं, पंचायत प्रतिनिधियों और अन्य जनप्रतिनिधियों का भी सक्रिय सहयोग लिया जा रहा है. पखवाड़े के दौरान जिले भर में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम, ग्राम वार्ता, चौपाल, कार्यशालाएं, स्वास्थ्य जांच शिविर और पोषण संबंधी परामर्श सत्र आयोजित किये जायेंगे. इन गतिविधियों का मुख्य लक्ष्य गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, किशोरियों और बच्चों को उचित पोषण संबंधी आवश्यक जानकारी प्रदान करना है. जिला प्रशासन ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस महत्वपूर्ण जन आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और बेगूसराय को कुपोषण मुक्त बनाने के संकल्प को साकार करने में अपना योगदान दें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है