नावकोठी. शक्ति कलश परिभ्रमण टोली के द्वारा दीप यज्ञ का आयोजन सिसौनी भगवती स्थान पर किया गया.इसमें काफी संख्या में श्रद्धालु नर, नारियों ने हिस्सा लिया.टोली नायक श्रवण कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक वेद मूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्री राम शर्मा आचार्य ने मानव में देवत्व का उदय तथा धरती पर स्वर्ग का अवतरण का उद्घोष किया. इसका मूर्तरूप अब परिलक्षित होने लगा है. उन्होंने मानव के अंदर कसाय, कल्मष को दूर करने के साधना,अराधना, उपासना को अपने जीवन में उतारने के लिए निवेदन किया.आज मानव के मनो मस्तिष्क पर दुर्बुद्धि ने अपना सम्राज्य स्थापित कर लिया है.जिससे मानव अपनी मानवीय गरिमा को विसरा कर अकिंचन कार्य कर रहा है. इससे सदबुद्धि के द्वारा ही मुक्ति मिल सकती है. इसके लिए सदबुद्धि की देवी गायत्री के शरण में जाने की जरूरत है. इसके लिए नियमित साधना, अराधना, उपासना करने पर बल दिया. दीप यज्ञ एक भावनात्मक यज्ञ है. अपनी भावनाओं को परमसत्ता से जोड़े बिना अपने लक्ष्य को नहीं पा सकते हैं.प्रज्वलित दीपक की लौ सदैव उर्ध्व गामी होकर सदैव सतपथ पर चलने की प्रेरणा देता है. उन्होंने 4 दिसम्बर से 07 दिसम्बर तक मटिहानी के के एल हाईस्कूल के समीप होने वाले 251 कु़डीय शक्ति संवर्धन गायत्री यज्ञ तथा संस्कार महोत्सव में अधिकाधिक श्रद्धालुओं को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. मौके पर शक्ति कलश रथ के साथ परिभ्रमण करने वाले परिव्राजक मनीष कुमार, आलोक कुमार, सच्चिदानंद, जयशंकर कात्यायन, महेन्द्र सहित पुरूषोत्तम जायसवाल, उमेश सत्यार्थी, दयानंद चौधरी, राधा कांत महतो सहित कई गायत्री परिजनों ने भाग लिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

