गढ़पुरा. गढ़पुरा निवासी सीआरपीएफ के सेकंड इन कमांड चीतेश कुमार समेत सीआरपीएफ के अधिकारी एवं जवान को शौर्य दिवस पर बुधवार को दिल्ली में सम्मानित किया गया. दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में सीआरपीएफ के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने शौर्य दिवस पर उन्हें सम्मानित किया. बताते चलें कि चीतेश गढ़पुरा निवासी राजित यादव के पुत्र हैं. वे वर्ष 2006 में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में योगदान दिया था. शुरू से ही होनहार चीतेश ने पुरे देश के विभिन्न राज्यों में अपने बहादुरी का लोहा मनबा चुके है और देश को सुरक्षित रखने के लिए उनका यह प्रयास लगातार जारी रहा है.
दिल्ली में सीआरपीएफ के डीजी ने किया सम्मानित
वर्ष 2016 में चीतेश की पोस्टिंग छतीसगढ़ हुआ जो नक्सलियों का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता था. उन्हें 25 नवंबर 2021 का वह दिन आज भी याद है. इस दिन अचानक सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट चीतेश के नेतृत्व में सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के करकनगुरा में 17 किलोमीटर जंगल में नक्सली एवं सीआरपीएफ के मुठभेड़ में बिना किसी नुकसान के नक्सलियों के गढ़ में घुसकर छह नक्सली जो आठ आठ लाख का इनामी नक्सली था जिसे मुठभेड़ में मार गिराया था. इसी बहादुरी को लेकर 15 अगस्त 2021 को भारत के राष्टपति के द्वारा इन्हे शौर्य सम्मान दिया गया. वर्तमान में चीतेश कुमार श्रीनगर में सीआरपीएफ के 54वीं बटालियन के सेकंड इन कमांड के पद पर हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 1965 को भारत के मात्र 80 जवानों ने पाकिस्तान के 3500 जवान को भारत में घुसने से रोक दिया था. इसी जवानों के बहादुर के सम्मान में 9 अप्रैल को भारत में शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है