खोदावंदपुर. मधुमक्खीपालन के दौरान कॉलोनी का बेहतर प्रबंधन कर गुणवत्तापूर्ण और अधिक शहद का उत्पादन लिया जा सकता है. यह बातें कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर, बेगूसराय के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ राम पाल ने कहीं. वे शनिवार को चार दिवसीय मधुमक्खी पालन कृषक प्रशिक्षण के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि केविके में गत 17 से 20 दिसंबर तक आयोजित मधुमक्खी पालन कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 किसानों ने भाग लिया. प्रशिक्षण के दौरान मधुमक्खियां की विभिन्न प्रजातियां, उनका जीवन चक्र, कार्य विभाजन, विभिन्न सहज मधुमक्खियां की पहचान, मधुमक्खी कॉलोनी प्रबंधन, कॉलोनी का विभाजन एवं एकीकरण, मधुमक्खी उत्पाद शहद, माम, पराग, प्रोपोलिस आदि तथा रोग एवं कीट प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी. प्रशिक्षण में डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर से आये वैज्ञानिकों ने किसानों को व्यवहारिक ज्ञान के बारे में विस्तार से चर्चा की. कार्यक्रम में खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र से कमलदेव ठाकुर, विपिन रजक, पूजा कुमारी तथा चेरिया बरियारपुर प्रखंड के विक्रमपुर से रंजीत कुमार, लालन देवी, रेणु देवी सहित कई किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वय केविके के उद्यानिकी विशेषज्ञ डॉ एन एन पाटील द्वारा किया गया.
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