बेगूसराय. कंपकपी ठंड ने आम आवाम की परेशानी बढ़ा दी है. नतीजा है कि सुबह से लेकर शाम तक घरों में लोग दुबके रह रहे हैं. बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहता है. शनिवार को अधिकतम 20 एवं न्यनतम 11 डिग्री सेल्सियस रहा. इधर जिले में बढ़ते ठंड व शीतलहर को देखते हुए जिले के सभी निजी विद्यालय, सरकारी विद्यालय एवं आंगनबाड़ी समेत कक्षा आठवीं तक की शैक्षणिक गतिविधि 22 दिसंबर से 24 दिसंबर 2025 तक पूर्णतः बंद रहेगा. यह आदेश जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने दी. उन्होंने बताया कि कक्षा आठवीं से ऊपर के कक्षाओं के संचालन शीतलहर को देखते हुए विशेष सावधानी के साथ सुबह 10:00 बजे से शाम 04:30 तक संचालित करने का आदेश दिया है. जिला पदाधिकारी ने सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन दोपहर 12:00 बजे से 02:00 बजे तक तक केवल बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को उपरोक्त आदेश का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है. मिशन दक्ष, प्री-बोर्ड तथा बोर्ड परीक्षाओं के लिये आयोजित की जाने वाली विशेष कक्षा एवं परीक्षा को इस आदेश से मुक्त रखा है. डीएम ने बताया कि बढ़ती ठंड छोटे-छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित न करें इसको लेकर यह निर्णय लिया है. डीएम के इस निर्णय का शिक्षक नेता प्रताप नारायण सिंह ने स्वागत करते हुए कहा कि पिछले कई दिनों से ठंड को लेकर स्कूली बच्चे काफी हलकान हो रहे थे. वहीं दूसरी ओर नगर निगम के द्वारा शहर के किसी भी चौक चौराहों पर सरकारी अलाव की व्यवस्था नहीं किये जाने से लोगों में परेशानी काफी बढ़ गयी है. वहीं छौड़ाही प्रतिनिधि हाड़ कंपा देने वाली पछुआ हवा और विगत दो दिनों से कंपकपी ठंड में आम आवाम की परेशानी बढ़ा दी है.शाम और सुबह दिन रात में कोई फर्क महसूस नहीं हो रहा है. कंपकपी ठंड के कारण लोग घरों में दुबक कर रहना पसंद कर रहे हैं.लोग बहुत कम घरों के बाहर निकल रहे हैं. खासकर निजी एवं सरकारी स्कूलों के साथ-साथ आंगनवाड़ी केंद्रों पर ठिठुरते हुए बच्चे पहुंच रहे हैं. हल्की हल्की पछिया हवा के साथ कपकपाती ठंड ने लोगों के जनजीवन पर पूरी तरह से प्रभावित कर रखा है. इस कारण लोग काफी परेशानी महसूस कर रहे हैं.दिन का पारा लुढ़कर काफी नीचे हो जा रहा है. इतनी सर्दियों के बाद जो बच्चे स्कूल जाने को विवश हैं. प्रखंड क्षेत्र में कहीं भी सरकारी स्तर से अलाव की व्यवस्था नहीं की गई. दलित महादलित बस्तियों में लोग किसी तरह से जीवन यापन करने को मजबूर हैं.अलाव को लेकर न तो प्रखंड प्रशासन न ही स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधि दिलचस्पी दिखा रहे हैं.लिहाजा लोग अपने स्तर से अलाव के चारों ओर समय गुजारने को विवस नजर आ रहे हैं.बताया जाता है सरकारी स्तर से अलाव के लिए प्रखंड अंचल में प्रतिवर्ष राशि उपलब्ध कराई जाती है,और पंचायत जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अलाव की व्यवस्था की जाती है,लेकिन पता नहीं इतनी ठंड होने के बावजूद भी अब तक अलाव का व्यवस्था नहीं करना स्थानीय प्रशासन की अदूरदर्शिता को दर्शाता है. बताते चलें क्षेत्र के विभिन्न इलाके के किसी सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की जाती रही है,लेकिन इतनी ठंड के बावजूद अलाव की व्यवस्था नहीं किया जाना चिंता का विषय है.इस बावत सामाजिक कार्यकर्ता रामनरेश यादव,युवा सामाजिक कार्यकर्ता प्रणव कुमार,रवि रौशन कुशवाहा, सुधीर कुमार सिंह,वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राम पदारथ राय, समेत दर्जनों लोगों ने प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न चौक,चौराहे सार्वजनिक स्थलों पर सरकारी स्तर से अलाव जलाने की मांग की है.साथ ही ठंड को देखते हुए सरकारी निजी स्कूलों का समय में परिवर्तन करने की मांग की गई है.
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