बरौनी. श्रम संसाधन विभाग द्वारा बाल मजदूरी उन्मूलन के तहत आज फुलवड़िया बाजार में विशेष सघन जांच अभियान चलाया. अभियान का नेतृत्व श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी झुमा भंडारी ने किया. निरीक्षण के दौरान टीम को जानकारी मिली कि एक किराना दुकान पर नाबालिग बच्चा मजदूरी करने को विवश है. तत्काल छापेमारी कर बच्चे को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया तथा दुकान संचालक के विरुद्ध मौके पर ही फाइन काटकर विधि-सम्मत कार्रवाई की गई. धावा दल श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, तेघड़ा झुमा भंडारी के नेतृत्व में रिया कुमारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, दिवाकर कुमार, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, चेरिया बरियारपुर, राजमणि रंजन, एनजीओ सपोर्ट पर्सन एवं फुलवड़िया थाना पुलिस पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह ने कहा बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम के तहत नाबालिग बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रम करवाना दंडनीय अपराध है. इसके बावजूद दुकान पर बच्चा काम कर रहा था. टीम द्वारा पूछताछ में स्पष्ट हुआ कि बच्चे को स्कूल छोड़कर आर्थिक कारणों से दुकान पर काम करना पड़ रहा था. यह स्थिति न केवल कानूनी उल्लंघन है, बल्कि बच्चे के शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास पर गंभीर प्रभाव डालती है. रेस्क्यू के बाद बच्चे को बाल संरक्षण इकाई के सुपुर्द किया गया, जहां उसके पुनर्वास, शिक्षा तथा सुरक्षा से संबंधित आगे की प्रक्रियाएँ शुरू कर दी गई हैं. दुकान मालिक द्वारा कानून की अवहेलना करने के कारण उचित जुर्माना (फाइन) लगाया गया तथा चेतावनी दी गई कि भविष्य में ऐसी कोई भी गतिविधि पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. वहीं श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी भंडारी ने कहा बाल मजदूरी अभिशाप है. यह बच्चे का बचपन छीनकर उसे दर्द, अभाव और शोषण की ओर धकेल देती है. सरकार और विभाग की यह सर्वोच्च प्राथमिकता है कि कोई भी बच्चा श्रम के बजाय स्कूल के वातावरण में रहे. आज की कार्रवाई यह संदेश देती है कि बाल श्रम को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा लगातार फुलवड़िया, तेघड़ा तथा आसपास के क्षेत्रों में निरीक्षण अभियान चलाते रहेंगे. समाज तभी सुरक्षित और समृद्ध हो सकता है जब उसके बच्चे सुरक्षित और शिक्षित हों. सभी नागरिकों का यह नैतिक दायित्व है कि वे बाल मजदूरी की सूचना तुरंत विभाग को दें. फुलवड़िया में की गई यह कार्रवाई श्रम संसाधन विभाग के उस सतत प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत हर बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन का अधिकार दिलाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. विभाग ने स्पष्ट संकेत दिया कि आगे भी इसी प्रकार की संयुक्त फील्ड इंस्पेक्शन निरंतर चलती रहेंगी और बाल मजदूरी से जुड़े किसी भी मामले में त्वरित कार्रवाई होगी.
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