बरौनी. नगर परिषद बीहट क्षेत्र में स्वच्छता अभियान की खुल रही है पोल, जहां सरकार की घोषणा के बाबजूद सफाई कर्मियों को सफाई कार्य के दौरान उनका सेफ्टी किट दस्ताना, पोशाक, जूता आदि नहीं दिया जा रहा है. संवेदक पदाधिकारी की मदद से उक्त किट के नाम पर राशि निकालकर कर मजा मारने में व्यस्त हैं और सफाई कर्मी कार्य के दौरान घायल हो रहे हैं. वहीं पार्षद के बार बार कहने का भी कार्यपालक पदाधिकारी और संवेदक पर कोई प्रभाव नहीं पर रहा है. सवाल है जनता के द्वारा चुने के जनप्रतिनिधि के सहयोग के लिए पदाधिकारी और कार्यालय की सुविधा सरकार ने दी है और ऐसी परिस्थिति में जब पदाधिकारी संवेदक की गोद में बैठकर विकास के नाम पर सरकारी राजस्व का सिर्रफ भोग करेंगे तो पार्षद अपने क्षेत्र के विकास और जनता के कार्य के लिए कहां जाएंगे यह भी सरकार को तय करना पड़ेगा. फिलहाल पार्षद के विरोध का इनपर कोई असर नहीं दाख रहा है पार्षदों डीएम बेगूसराय और नगर विकास आवास विभाग पटना को भी शिकायत दर्ज कराते हुए जांच कर कार्रवाई का मांग किया है. जानकारी के मुताबिक नगर परिषद बीहट अंतर्गत गढ़हरा में 29 नवंबर को साफ-सफाई करने के दौरान एक सफाई कर्मी कार्य के दौरान फिर जख्मी हो गया. वहीं घायल कर्मी का स्थानीय पूर्व वार्ड पार्षद शिवजी कुमार ने प्राथमिक उपचार कराया. पूछने पर पीड़ित सफाई कर्मी ने बताया कि सफाई कर्मी के स्वास्थ्य सुविधा के लिए न कोई सेफ्टी टूल्स है और न कोई व्यवस्था. बगैर सुविधा व्यवस्था के नगर की सफाई का बीरा हम सफाई कर्मी उठाए हुए हैं और लाभ पदाधिकारी औरसंवेदक ले रहे है. इस स्थिति पर वार्ड पार्षद दीपक मिश्र ने विभागीय रवैया पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि सफाई मजदूरों का सबसे बुरा हाल है. मजदूरों को सेफ्टी किट टूल्स तो दूर, मिनिमम वेजेज की मजदूरी भी नहीं दी जा रही है. बीहट नगर परिषद के लगभग सभी योजनाओं में घोर भ्रष्टाचार है जिसकी उच्च स्तरीय जांच एवं कार्रवाई सुनिश्चित हो. उन्होंने कहा कि सरकार ने आरक्षण देकर एससी एसटी,ओबीसी के जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास करती है. लेकिन धरती पटल पर वास्तविकता कोसों दूर है.
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