बेगूसराय. बीएसएसआर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सरकार के मजदूर विरोधी कदम के खिलाफ सोमवार को काला बिल्ला पहन कर जोरदार प्रतिरोध किया. यूनियन के सभी सदस्यों ने स्थानीय समाहर्ता कार्यालय के माध्यम से प्रधानमंत्री के कार्यालय को श्रम कोड्स को वापस लेने की मांग वाला ज्ञापन भेजा. हड़ताली चौक पर संगठन के दर्जनों सदस्य एकत्र हुए और मालिक पक्षीय श्रम कानून की प्रति को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस अवसर पर कामरेड पीके वर्मा, कामरेड आर एस रॉय, कामरेड राकेश कुमार, कामरेड चंदन कुमार सहित कई वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया और केंद्र सरकार के कदम की निंदा की. सदस्यों ने कहा कि चार अधिसूचित श्रम कोड्स पूर्णरूपेण श्रम विरोधी और मालिक पक्षीय हैं. इसके लागू होने से पुराने महत्वपूर्ण कानून जैसे सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज एक्ट 1976 भी निरस्त हो जायेंगे. कोड्स लागू होने पर काम के घंटे स्वतः आठ से 12 घंटे हो जायेंगे और यह अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के चार्टर का उल्लंघन है. साथ ही न्यूनतम मजदूरी का दोहरा प्रावधान लागू होगा, ट्रेड यूनियन का पंजीकरण लगभग असंभव हो जायेगा, और हड़ताल के अधिकार को समाप्त कर दिया जायेगा, जो मजदूरों के पास अपनी मांग रखने का अंतिम विकल्प है. वक्ताओं ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा केवल नाम मात्र रह जायेगी, क्योंकि मूल नियोक्ता की जगह विभिन्न फ्रेंचाइजी और ठेकेदारों के माध्यम से काम कराये जाने पर ग्रेच्युटी और अन्य सुविधाओं की समस्या होगी. केंद्र सरकार के इन कदमों से मजदूरों के वर्षों से अर्जित अधिकार समाप्त हो जायेंगे. उक्त प्रदर्शन में यूनियन अध्यक्ष रितेश कुमार, उपसचिव श्याम, शाखा लोकल कमेटी सदस्य अशोक कुमार, विजय कुमार, अलाउद्दीन लश्कर, विनीत कुमार, सुशील कुमार सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित थे. वक्ताओं ने बताया कि बीएसएसआर यूनियन के सभी सदस्य मंगलवार को भी काला बिल्ला पहन कर कार्य करेंगे और 26 नवंबर को विभिन्न ट्रेड यूनियनों और किसानों के साथ समाहर्ता कार्यालय के समक्ष बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जायेगा. इस आंदोलन के माध्यम से संगठन केंद्र सरकार से मजदूर विरोधी कोड्स तुरंत वापस लेने की मांग कर रहा है.
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