खोदावंदपुर. बूढ़ी गंडक नदी के उफान को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग, बेगूसराय ने छठ महापर्व में छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं को नदी के घाटों पर जाने पर रोक लगा दिया गया है. स्थानीय प्रशासन ने आपदा प्रबंधन विभाग के इस आदेश के संदर्भ में शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के सागी, दौलतपुर, बाड़ा, बरियारपुर पश्चिमी, बरियारपुर पूर्वी, फफौत, खोदावंदपुर एवं मेघौल पंचायतों के विभिन्न टोले मुहल्ले में माइकिंग करवाकर लोगों को इसकी जानकारी दी है. प्रखंड क्षेत्र में बूढ़ी गंडक नदी के चिन्हित 34 घाटों के पानी से डूबे रहने से स्थिति अत्यंत खतरनाक होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों को दी गयी है. प्रशासन के इस निर्देश से मेघौल, बिदुलिया, मटिहानी, मालपुर, चकयदु, फफौत, बरियारपुर पश्चिमी, मिर्जापुर, बाड़ा, बेगमपुर, मोहनपुर एवं नुरुल्लाहपुर गांव के लोगों के सामने छठ पर्व में अर्घ देने का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. इसका कारण इन गावों में एक भी पोखर का नहीं होना है. इन गावों के छठ व्रती हर साल बूढ़ीगंडक नदी के घाटों पर ही अर्घ देते रहे हैं. बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र के मलमल्ला, मुसहरी, खोदावंदपुर, नागा पोखर बरियारपुर पश्चिमी, हकरू महतो पोखर बरियारपुर पूर्वी, योगीडीह, तेतराही, सिरसी, चलकी एवं सागीडिह, नारायणपुर में पोखर हैं, जहां के ग्रामीण इन पोखरों में छठ पर्व के समय अर्ध्य देते हैं, परंतु इन पोखरों में इस वर्ष गंदगी का अंबार लगा हुआ है. पोखरों के घाटों की साफ-सफाई नहीं हुई है, जिससे इन पोखरों में अर्घ देना भी मुश्किल माना जा रहा है. लोगों का कहना है कि बूढ़ीगंडक नदी के घाटों को खतरनाक बताकर प्रशासन ने छठ व्रतियों को घाटों पर जाने से रोक लगा दिया है और अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लिया है. वहीं प्रखंड क्षेत्र के पोखरों के घाटों की साफ-सफाई करवाने के संदर्भ में स्थानीय प्रशासन द्वारा अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा भी अबतक इस दिशा में कोई पहल नहीं किया गया है. इस वर्ष छठ व्रती कैसे अर्घ देंगे, इसको लेकर लोग काफी परेशान दिखाई दे रहे हैं.
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