बेगूसराय. भाकपा (माले) के आह्वान पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय कमलेश्वरी भवन से विशाल जुलूस निकालकर जोरदार नारेबाजी करते हुए जिला समाहरणालय पहुंचकर धरना-प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन केंद्र और राज्य सरकार की मजदूर-किसान विरोधी, पर्यावरण विनाशक और अपराध-संरक्षक नीतियों के खिलाफ आयोजित किया गया. कॉ. शैलेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित धरना में पार्टी के जिला सचिव दिवाकर प्रसाद, खेग्रामस जिला सचिव चंद्रदेव वर्मा, नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव, नवल किशोर सिंह, बीजू सिंह, शैलेंद्र सिंह, मुक्ति नारायण सिंह, इन्द्रदेव राम, संजय ठाकुर, रामकुमार तांती, आइसा जिलाध्यक्ष सोनू फर्नाज सहित कई नेता मौजूद थे. जिला सचिव दिवाकर प्रसाद ने कहा कि देश में लोकतंत्र, संविधान और कानून का राज तेजी से खत्म किया जा रहा है. उन्होंने मनरेगा जैसी गरीबों की जीवनरेखा योजनाओं को कमजोर करने और जी-राम-जी कानून जैसे प्रावधानों के माध्यम से इसे समाप्त करने की नीतियों की आलोचना की. वक्ताओं ने कहा कि इससे करोड़ों ग्रामीण मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. धरना में अरावली पर्वत सहित देशभर में हो रहे अवैध खनन को पर्यावरण के खिलाफ अपराध बताते हुए कहा गया कि जल, जंगल, जमीन और पहाड़ कॉरपोरेट मुनाफे के लिए लूटे जा रहे हैं. सरकार पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी छोड़कर पूंजीपतियों के हितों की चौकीदार बनी हुई है. सभा में हत्या, अपहरण और बलात्कार की बढ़ती घटनाओं की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा गया कि सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है और न्याय की मांग करने वालों को दमन का सामना करना पड़ रहा है. बुलडोजर कार्रवाई को गरीब, भूमिहीन और फुटपाथी दुकानदारों के लिए अमानवीय बताते हुए कहा गया कि वर्षों से बसे लोगों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ा जा रहा है. धरना के अंत में प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी को सात सूत्रीय मांग पत्र सौंपा, जिसमें मनरेगा की पूर्ण बहाली, खनन पर रोक, बलात्कार और हत्या के दोषियों को सख्त सजा, बुलडोजर कार्रवाई पर रोक, भूमिहीनों को वास भूमि और पर्चाधारियों को दखल तथा बढ़ते अपराध पर प्रभावी नियंत्रण की मांग शामिल थी. भाकपा (माले) ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इन जनहितकारी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को और व्यापक व तीव्र किया जायेगा. मौके पर गौरी पासवान, सोनू फर्नाज, विशाल पासवान, गजेंद्र पंडित, सुधीर सिंह, साजन पासवान और रिटायर शिक्षक संतोष इश्वर सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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