बेगूसराय. ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर, आशा वर्कर्स एंड फैसिलिटेटर फेडरेशन ऑफ इंडिया, मिड डे मील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त आह्वान पर बेगूसराय समाहरणालय के समक्ष एक विशाल धरना का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता भाबतारिणी शरण ,व्यास जी, शंकर मोची ने किया. सभा का संचालन मोहन मुरारी जिला मंत्री अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के द्वारा किया गया. सभा को सीटू के राज्य अध्यक्ष गणेश शंकर सिंह, उपाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शशिकांत राय, बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ के महामंत्री सुधा सुमन, अंजनी सिंह, सचिव सीटू, नीलम झा सहित दर्जनों नेताओं एवं कर्मियों ने संबोधित किया. सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि इस मानव को रचने, गढ़ने, स्वस्थ और शिक्षित बनाने में आशा आंगनबाड़ी मिड डे मील वर्कर, ममता, करियर की अहम भूमिका है. गर्भाधान से लेकर प्रसव उपरांत बीसीजी के टीकाकरण तक आशा, प्रसव के बाद सरकारी संस्थान में ममता आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण के समय आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, आशा एएनएम तथा कूरियर की अहम भूमिका होती है. तत्पश्चात कुपोषण दूर करने और बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा देने में आंगनबाड़ी सेविका सहायिका का विद्यालयों में प्रारंभिक भूख मिटाने में मिड डे मील वर्कर की अहम भूमिका है. इन तमाम प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद एक शिक्षित और स्वस्थ इंसान देश को विकास में अपनी अहम भूमिका अदा करता है. लेकिन खेद का विषय है कि इन कार्यों में लगे कार्यकर्ताओं को सरकार न तो मजदूर मानती है न कर्मचारी बल्कि स्वयंसेवक के नाम पर इन्हें एक अल्प प्रोत्साहन राशि का भुगतान करती है. कर्मियों ने जिलाधिकारी बेगूसराय को भारत के प्रधानमंत्री के नाम संबोधित 14 सूत्री ज्ञापन सौंपा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

