नावकोठी. काली पूजा समिति, बभनगामा में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया. इसे श्रवण करने के लिए पहसारा, बभनगामा, महेशवाड़ा, रमौली, नौलखा तथा आसपास के श्रोताओं की भीड़ उमड़ पड़ी. कथावाचक अखिलेशानंद जी ने कहा कि श्रीराम कथा श्रवण मात्र से ही मानव के जीवन से दैहिक, दैविक तथा भौतिक तीनो़ संताप का क्षय हो जा जाता है.इसके श्रवण करने मात्र से परम मंगलमय होता है.गोस्वामी तुलसीदास जी ने कलयुग के हम सभी जीवो के कल्याण करने के लिए श्री रामचरितमानस रूपी अमृत में प्रदान किया है.जिसने अपना मन पवित्र कर लिया अपना चरित्र पवित्र कर लिया वास्तव में तीसरे सोपान में वह श्री राम तक पहुंच जाता है.श्री राम कथा में भगवान शिव के विवाह की मार्मिक चर्चा हुई. भवानी श्रद्धा के स्वरूप है भगवान शिव विश्वास के स्वरूप,जीवन में जब श्रद्धा और विश्वास हमारे अंदर आए तो कार्तिकेय और गणेश का जन्म होता है. कार्तिकेय स्वामी कर्म के प्रतीक हैं गणेश जी बुद्धि के प्रतीक है. भगवान शिव ने अपने विवाह में भूत प्रेतो को भी निमंत्रण दिया. मानव शंकर जी ने दर्शन कराया कि समाज के वह तिरस्कृत लोग जिन्हें समाज देखना नहीं चाहता है, ऐसे व्यक्तियों को भी जब सम्मान करेंगे तो आपका गौरव स्वयं बढ़ने लगेगा.कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भजन से वातावरण राममय हो गया.
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