भगवानपुर. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से एक दिल दहला देने वाली तस्वीर सामने आयी है, जो बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था के हकीकत को बेपर्दा करती है. शुक्रवार को रात करीब आठ बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष हेमंत चौधरी, उपाध्याय पिंकी देवी एवं सदस्य मोहम्मद गालिब पहुंचे. जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 21 महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन किया गया था. लेकिन ऑपरेशन के बाद जिन सुविधाओं का वादा सरकारी गाइडलाइन में किया जाता है, वो नदारद दिखा. ऑपरेशन किये हुए सभी मरीजों को एक हॉल के फर्श पर सुला दिया गया है. ठंड के मौसम में न तो उन्हें कंबल दिया गया है. और न ही साफ सफाई देखने को मिला. पीएचसी के अंदर सभी जगह गंदगी ही गंदगी नजर आया. कड़ाके की ठंड में महिलाएं ऑपरेशन के बाद दर्द से कराहती रही, बदन कांपता रहा, और साथ आए परिजन बेबस तमाशबीन बने बैठे रहे. मरीजों को मच्छरदानी तक उपलब्ध नहीं करायी गयी, जबकि यह स्वास्थ्य विभाग की अनिवार्य गाइडलाइन का हिस्सा है. महिलाओं को जिस देखभाल और गर्माहट की जरूरत थी, उसकी जगह मिला ठंड, दर्द और अस्पताल प्रशासन की बेरुखी. परिजनों ने इसे गंभीर आपराधिक लापरवाही बताया और कहा कि बंध्याकरण ऑपरेशन के बाद सभी मरीजों से ऊपर छत पर हॉल में पहुंचाने के नाम पर कर्मियों के द्वारा 80 रुपये और साफ सफाई के नाम पर 10 रुपये जबरन वसूली की जा रही है. साथ ही इनलोगों ने बताया कि ऑपरेशन किये हुए चार से पांच घंटे बीत जाने के बाद भी दर्द से कराह रहे मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है. इस तरह का लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला है. इसे स्वास्थ्य प्रणाली की नाकामी, भ्रष्टाचार और अमानवीय रवैये का जीवंत सबूत बता रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

