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नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय लोकपर्व छठ आज से

लोक आस्था का चार दिवसीय पर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जायेगा.

बेगूसराय. लोक आस्था का चार दिवसीय पर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो जायेगा. नहाय-खाय से छठ महापर्व शुरु होते ही पूरे जिले में भक्तिमय वातावरण बन गया है. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ आरंभ हो जाती है .यह व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है. इसमें व्रती महिलाएं लगातार 36 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं.सूर्य देव की उपासना और छठ मैया की पूजा करते है. संतान की प्राप्ति और उसकी लंबी आयु की कामना करती हैं. नहाय खाय की पूर्व संध्या पर व्रतियों ने नहाय खाय की पूरी तैयारी कर लिया. पूरा बाजार नहाय खाय की मुख्य सामग्री कद्दू से सज गया. श्रद्धालुओं ने जमकर कद्दू की खरीदारी किया. नहाय-खाय को छठ पूजा की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है.इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करते हैं और प्रसाद के रूप में अरवा चावल, चने और लौकी की सब्जी भोजन के तौर पर ग्रहण करते हैं.यह भोजन शुद्ध और पवित्र माना जाता है.इस दिन नमक वाला भोजन केवल एक बार ही किया जाता है. नहाय-खाय का सार पवित्रता से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इस शुभ दिन पर व्रती खुद को शुद्ध करते हैं और सात्विक और पवित्र तरीके से छठ व्रत शुरू करते हैं. नहाय-खाय के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करके नए और साफ-सुथरे पहनकर शाकाहारी भोजन करते है. नहाय खाय के दिन कद्दु-अरवा चावल का भात को भोजन में शामिल रखने की परंपरा है.इसलिए ग्रामीण भाषा में नहाय खाय को कद्दू-भात दिवस भी कहा जाता है.नहाय खाय के पूर्व संध्या को पूरा बाजार कद्दू(लौकी) से पट गया.इस बार कद्दू बाजार में बहुत ही ज्यादा मात्रा में स्टॉक थी.जिस कारण कद्दू की कीमत बहुत ज्यादा नही चढ सकी.40 से 70 रुपये में कद्दू की खरीदारी की गयी. छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय 25 अक्टूबर को है, छठ पूजा का दूसरा दिन खरना 26 अक्टूबर को,छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य 27 अक्टूबर को,छठ पूजा का चौथा दिन उषा अर्घ्य का 28 को अनुष्ठान होगा.

लोहे व लकड़ी के बने चूल्हे की जमकर हुई बिक्री

छठ का प्रसाद मिट्टी के चुल्हे पर तैयार करने की परंपरा है.जैसे जैसे शहरीकरण का विस्तार हुआ.वैसे वैसे शहरी लोग छठ का प्रसाद मिट्टी चुल्हे के आकार का लोहे का लकड़ी-चुल्हा पर भी प्रसाद तैयार करने लगे हैं.छठ पूजा प्रसाद की तैयारी को लेकर श्रद्धालुओं ने लोहे की बनी लकड़ी चुल्हा की भी जमकर खरीदारी की.एक चुल्हे की कीमत वजन के हिसाब से 550 रुपये से लेकर 750 तक थी.

अस्थायी बाजार लगाने के लिए गांव से शहर पहुंचने लगे लोग

ट्रैफिक चौक से लेकर जिला परिषद बाजार तक छठ पूजा सामग्रियों की अस्थाई बाजार सजना आरंभ हो गयी. यह बाजार निगम क्षेत्र में कचहरी रोड में ट्रैफिक चौक से लेकर आंबेडकर चौक तक,चट्टी रोड में रतनपुर चौक तक,विष्णुपुर,हरहरमहादेव चौक से मीरगंज आदि स्थानों पर लगाये जाते है.कृषि से संबंधित उत्पाद जो प्रसाद के रुप में सूप पर चढाई जाती है वो सुदूर देहाती क्षेत्रों से आते हैं.दुकानदार लोग सड़क के किनारे अपनी अस्थायी दुकान लगाना आरंभ कर दिया है. हैं.वही बहुत से दुकानदार गुरुवार से अपने अपने दुकान लगाने का ठिकाना तलाशने में लग गये है.

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