बछवाड़ा. प्रखंड मुख्यालय में शुक्रवार को उस समय हो हंगामा शुरू हो गया जब बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सह भाकपा जिला मंत्री अवधेश कुमार राय ने जमीन से जुड़े कई महीनों से लंबित कई को मामलों में अंचलाधिकारी से बात करने अंचल कार्यालय पहुंचे.उन्होने बातचीत के दौरान अंचलाधिकारी का रवैया संतोषप्रद नहीं लगा तो पूर्व विधायक गुस्से में आ गए और अंचलाधिकारी कार्यालय के गेट के समक्ष कुर्सी से उठकर धरना पर बैठ गए. घराना पर बैठने की बात कुछ ही समय में कानों-कान फ़ैल गया. समर्थकों ने धरना की बात सुनते ही अंचल कार्यालय पहुंचकर पूर्व विधायक के समर्थन खड़े हो गये और अंचल कार्यालय को घेरते हुए हंगामा शुरु कर दिया. बताते चले की विगत दो माह पूर्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बछवाड़ा अंचल परिषद द्वारा अंचल कार्यालय पर विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर धरना दिया गया था.
अनुमंडलाधिकारी के आश्वासन पर 10 दिनों का मिला समय
जिसमें वासगीत पर्चाधारियों को दखल दिलाने, एवं पर्चाधारियों की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों को बेदखल कर सही लोगों को बसाने, कई सालों से लंबित दाखिल खारिज के सवाल को निष्पादित करने के सवाल पर यह धरना आयोजित गया था. धरना के दौरान अंचलाधिकारी द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद वह धरना समाप्त कराया गया था. लेकिन इसके बावजूद अंचलाधिकारी द्वारा इन सभी समस्याओं को टाल मटोल किए जाने के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुनः अंचलाधिकारी का विरोध करने का निर्णय लिया. कार्यकर्ताओं की समस्याओं को लेकर पूर्व विधायक के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने अंचलाधिकारी से वार्ता करने अंचल कार्यालय पहुंचे.लेकिन अंचलाधिकारी की रवैया से नाराज होकर उन्होंने धरना पर बैठ गए. करीब एक घंटे के बाद अनुमंडलाधिकारी द्वारा फोन पर बछवाड़ा अंचलाधिकारी को सभी लंबित मामलों को तुरंत निष्पादित करने का निर्देश दिया गया. वरीय पदाधिकारी के निर्देशानुसार अंचलाधिकारी के आग्रह पर पूर्व विधायक के द्वारा धरना को समाप्त किया गया. अंचलाधिकारी ने आश्वाशन दिया कि इन सभी मामलों को आगामी दस दिनों में निष्पादित कर लिया जाएगा. मामले में पूर्व विधायक अवधेश राय ने बताया कि हमलोग कुछ लंबित कार्यों को लेकर वार्ता करने आए थे. जिसमें महीनों से दाखिल खारिज,परिमार्जन एवं पर्चाधारी के बेदखली से संबंधित मामला है. जिसमें एक व्यक्ति को पर्चा निर्गत किया गया था लेकिन कुछ दबंग लोगों के बहकावे में आकर दूसरा पक्ष ने रद्द करने को लेकर अनुमंडलाधिकारी के समक्ष आवेदन दिया गया. परंतु फैसला पर्चाधारी के पक्ष में दिया गया. लेकिन कुछ माननीय के दबाव में आकर पदाधिकारी के द्वारा पर्चाधारी को दखल कब्जा नहीं करवाया गया. उन्होंने कहा कि अनुमंडलाधिकारी ने दस दिनों के भीतर उनको दखल दिलाने का आश्वासन दिया है.साथ ही उन्होंने कहा कि कई मामलों को इसलिए लंबित रखा जाता हैं कि आवेदक उनसे मिले और सेवा करे. प्रखंड के सभी कार्यालयों में भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त है कि कोई भी पदाधिकारी किसी भी लोगों का काम बिना नजराना लिए नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर दस दिनों के अंदर लंबित कार्यों को पूरा नहीं किया जाता हैं तो हमलोग चुप नहीं बैठेंगे. वहीं मामले को लेकर अंचलाधिकारी प्रीतम गौतम ने कहा कि विभिन्न विषय पर चर्चा हुई जिसमें एक मामला बासगीत पर्चाधारी के बेदखली से है. जिसमें दूसरा पक्ष अनुमंडलाधिकारी के फैसले के खिलाफ न्यायालय का शरण लिया है परन्तु अभी तक स्टे ऑर्डर नहीं आया है. वरीय अधिकारी से मार्गदर्शन मांगा गया है, जैसे ही वरीय पदाधिकारी का दिशा निर्देश प्राप्त होगा उनके निर्देश पर कार्यवाही की जाएगी.मौके पर भाकपा अंचल मंत्री भूषण सिंह, राजेश शर्मा, पैक्स अध्यक्ष अनिल राय, एआईएसएफ जिला सचिव सत्यम भारद्वाज, बीरबल राम, सुजीत सहनी, रणधीर ईश्वर, हरेराम महतो, प्रहलाद राय, रामनरेश चौधरी, राजकुमार चौधरी सहित दर्जनों नेता-कार्यकर्ता मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है