Begusarai News : तेघड़ा. तेघड़ा प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में देसी शराब बनाने और बिक्री करने का कार्य लगातार जारी है. नशेड़ियों के उत्पात से ग्रामीणों में भय व्याप्त है. जब स्थानीय प्रशासन शराब के अवैध धंधे पर रोक लगाने में विफल रहा, तब पिपरा दोदराज पंचायत के महिला और पुरुष ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित होकर शराबबंदी कानून की सफलता को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिया. जगदंबा स्थान परिसर में आयोजित जनसभा में ग्रामीणों ने शराब निर्माण और सेवन के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया. सभा में यह तय किया गया कि शराब बनाने और पीने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सामाजिक बहिष्कार के साथ आर्थिक दंड भी लगाया जायेगा. शराब निर्माण करने वालों पर 11 हजार रुपये का जुर्माना और सेवन करने वालों पर 51 सौ रुपये का दंड लगाया जायेगा. इसके लिए 11 सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया गया है. समिति में माला देवी, प्राण कुमार पासवान, अमर पासवान, सुरेश सहनी, कपिल देव पासवान, संजय पासवान, रामजी पासवान, मोहम्मद कैसर, राजू कुमार सहनी और विनोद कुमार साह को शामिल किया गया है. बैठक की अध्यक्षता पूर्व प्रखंड प्रमुख रामस्वार्थ सहनी ने की, जबकि संचालन पंचायत मुखिया नीरज प्रभाकर ने किया. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की यह एकजुटता शराबबंदी कानून की सफलता का जनआंदोलन बन चुकी है और यह पूरे राज्य के लिए प्रेरणादायक है. बैठक के अंत में सभी ग्रामीणों को नशामुक्ति की शपथ दिलाई गई. मुखिया ने बताया कि नशापान के कारण युवा भटक रहे हैं और लोगों का आर्थिक शोषण हो रहा है, जिससे मानसिक परेशानियों और पारिवारिक कलह की समस्या बढ़ रही है. ग्रामीणों ने कहा कि नशामुक्त स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. पिपरा दोदराज की यह पहल अब आसपास की पंचायतों के लिए उदाहरण बन रही है. बैठक में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और उनका निर्णय में योगदान इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. ग्रामीणों का स्पष्ट संदेश है कि बदलाव अब केवल सरकार और प्रशासन पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि समाजिक एकजुटता और जनसहभागिता से ही नशामुक्त और स्वस्थ समाज का निर्माण होगा. सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति ने इस अभियान की व्यापकता को दर्शाया और सभी ने मिलकर यह संकल्प लिया कि शराब निर्माण और सेवन पर पूर्ण रूप से रोक लगायी जायेगी. इस जनसभा ने साबित कर दिया कि अगर समाज एकजुट होकर निर्णय ले, तो कानून की सफलता केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि वास्तविकता में लागू हो सकती है. पिपरा दोदराज पंचायत के ग्रामीणों ने यह संदेश दिया कि नशा सिर्फ व्यक्तिगत समस्या नहीं बल्कि सामाजिक चुनौती है, और इसे समाप्त करने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा.
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