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यूएन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में डॉ अभिषेक कुमार का नाम हुआ दर्ज

प्रखंड क्षेत्र के सदानंदपुर निवासी डॉ अभिषेक कुमार का नाम यूएन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.

बलिया. प्रखंड क्षेत्र के सदानंदपुर निवासी डॉ अभिषेक कुमार का नाम यूएन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. उनकी कृति ””””””””पहलगाम हमला बनाम ऑपरेशन सिंदूर को यूएन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने पहलगाम हमला पर प्रकाशित पहली किताब का दर्जा देते हुए डॉ अभिषेक कुमार का नाम अपने रिकॉर्ड बुक में दर्ज किया है. यह किताब किसी भी आतंकी घटना के ऊपर सबसे कम समय में प्रकाशित किताब है. डॉ अभिषेक कुमार सदानंदपुर निवासी होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ सतीश चंद्र मिश्रा एवं डॉ इंदु मिश्रा के पुत्र हैं. पेशे से नेत्र विशेषज्ञ हैं, जबकि इनकी पत्नी डॉ श्वेता कुमारी बलिया में दंत रोग विशेषज्ञ हैं. बताते चलें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम घाटी में घूमने आये पर्यटकों पर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठनों ने हमला कर 26 मासूम की धर्म पूछकर हत्या की थी. यह केवल एक आतंकी हमला नहीं था. यह भारत की सहिष्णुता और सम्प्रभुता को चुनौती थी. यह एक ऐसा क्षण था जिसने हर भारतीय को विचलित ही नहीं किया बल्कि भीतर तक झकझोर कर रख दिया. इसका भारत ने केवल शोक नहीं मनाया बल्कि उसने उत्तर दिया. 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिन्दूर के रूप में इसका जबाव दिया. यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं थी यह उन रक्त की बूंदों का सम्मान था जो पहलगाम की जमीन पर गिरी थी. डॉ अभिषेक कुमार ने बताया कि ऑपरेशन सिन्दूर सिर्फ एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं थी. यह भारत की आत्मा से उठी हुंकार थी. यह पुस्तक उस दिन की कथा है जिसमें मृत्यु है, मातम है, लेकिन साथ ही प्रतिकार भी है, प्रतिज्ञा है और एक ऐसा शौर्य है जो युगों तक याद रखा जायेगा. उन्होंने बताया कि उनकी इस किताब का प्रकाशन दिल्ली स्थित वन अलाइन प्रकाशन के द्वारा मई में ही त्वरित रूप से किया गया था. पुस्तक प्रकाशित होने के बाद उन्होंने यूएन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के बेबसाईट पर पुस्तक के कवर और पीडीफ डाल कर अप्लाई किया. जिसकी जांच के बाद उनका नाम बूक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया. यूएन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से डॉ अभिषेक कुमार को वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट, रिकॉर्ड होल्डर आइडेंटिटी कार्ड, ट्रॉफी और यूएन बूक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड किताब की एक प्रति कुरियर के माध्यम से घर भेजी गयी. डॉ अभिषेक कुमार की इस उपलब्धि पर जिले के साहित्यकारों ने खुशी व्यक्त करते हुये बधाई एवं शुभकामनाएं दी है.

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