बेगूसराय. शहर में जिला प्रशासन लगातार अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रहा है. दुकानदारों द्वारा किये गये अतिक्रमण हटाने से उनकी जीविका प्रभावित हुई है, लेकिन पुनर्वास की समस्या ज्यादा गंभीर नहीं है. वहीं, वर्षों से झोपड़पट्टी में रहने वाले भूमिहीन परिवारों के लिए पुनर्वास एक बड़ी चुनौती बन गयी है. लोहिया नगर गुमटी से लेकर आरओबी के पूर्वी छोर तक बुलडोजर चलने से कई परिवारों को अपनी झोंपड़पट्टी छोड़नी पड़ी और अब वे एनएच-31 के किनारे व रेलवे लाइन के पास खुले आकाश के नीचे ठंड में रह रहे हैं. जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जिन परिवारों के पास अपनी वासभूमि या जीविकोपार्जन का अन्य साधन नहीं है, उनके पुनर्वास में हर संभव मदद की जाएगी. ऐसे लोग अनुमंडल पदाधिकारी या अंचल अधिकारी के समक्ष आवेदन देकर नियमानुसार सहायता प्राप्त कर सकते हैं. प्रशासन ने यह भी कहा कि पुनर्वास के लिए सभी आवेदन का नियमानुसार शीघ्र निस्तारण किया जायेगा. सोमवार को जिला प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम ने आयुर्वेद महाविद्यालय से पनहांस चौक तक एसएच 55 सड़क के दोनों तरफ अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया. इस दौरान सड़क पर बने दुकानों के छज्जे और दर्जनों स्थाई दुकानों पर बुलडोजर चला कर अतिक्रमण हटाया गया. इस कार्रवाई से न केवल सड़कें खुलीं, बल्कि शहर में शहरी विकास योजनाओं के लिए जमीन भी सुनिश्चित हुई. अतिक्रमण हटाने के बावजूद झोपड़पट्टी से उजड़े दर्जनों परिवार अब भी खुले आकाश के नीचे ठंड में जीवन यापन कर रहे हैं. प्रशासन ने उन्हें पुनर्वास और सहायता के लिए आवेदन करने की अपील की है. इस अभियान से शहर की सफाई और यातायात व्यवस्था में सुधार हुआ है और आने वाले दिनों में इसे और प्रभावी बनाने की योजना बनायी जा रही है. यह अभियान शहर में सुगम आवागमन, स्वच्छता और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. प्रशासन की कोशिश है कि शहरी क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को भी सुनिश्चित किया जाये.
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