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बिहार बजट को सत्ता पक्ष ने जहां सराहा, वहीं विपक्ष ने साधा निशाना

बिहार सरकार के द्वारा सोमवार को विधान सभा में बजट प्रस्तुत किया गया. वित्त मंत्री समग्राट चौधरी द्वारा पेश किये गये बजट पर पूरे दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष की निगाहें टिकी रही.

बेगूसराय.

बिहार सरकार के द्वारा सोमवार को विधान सभा में बजट प्रस्तुत किया गया. वित्त मंत्री समग्राट चौधरी द्वारा पेश किये गये बजट पर पूरे दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष की निगाहें टिकी रही. सत्ता पत्र के द्वारा जहां इस बजट को विकासनोन्मुखी बजट बताया गया वहीं विपक्षी पार्टियों के द्वारा इस बजट को बेगूसराय के साथ उपेक्षा बताया गया. पूरे दिन चौक-चौराहों से लेकर खेतों व गलियों में बजट की ही चर्चाएं होती रही. बेगूसराय में दिनकर विश्वविद्यालय, उलाव हवाई हड्डा, मटिहानी-शाम्हो गंगा नदी में पुल की कुछ भी चर्चाएं नहीं होने को लेकर निराशा जहां देखी गयी वहीं बेगूसराय में कैंसर हॉस्पिटल खोलन को लेकर प्रसन्नता देखी गयी और बिहार सरकार के प्रति आभार जताया गया.

आइये जानते हैं कि बिहार सरकार के इस बजट में लोगों की प्रतिक्रियाएं :

केंद्र सरकार ने अपने बजट में जो आठवां वेतन आयोग स्वीकृत किया है. उसको लेकर बिहार के बजट में किसी प्रकार की चर्चा नहीं है कि इसका लाभ राज्य कर्मियों को कब मिलेगा. वहीं बेगूसराय में दिनकर विश्वविद्यालय,उलाव हवाई अड्डा, मटिहानी-शाम्हो गंगा नदी में पुल को लेकर किसी प्रकार की चर्चा नहीं होना बजट की विफलता को दर्शांता है.

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद, बेगूसराय

3.17 लाख करोड़ का बिहार बजट ( 2025-26) राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने, सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने और सतत विकास को सुनिश्चित करने पर केंद्रित और चुनावी वर्ष में भी राजकोषीय रूप से संतुलित और विकासोन्मुखी बजट है. जिसमें शिक्षा (60,964 करोड़), स्वास्थ्य (20,335 करोड़), सड़क एवं बुनियादी ढांचे (17,908 करोड़), ग्रामीण विकास (16,093 करोड़) और ऊर्जा (13,483 करोड़) और महिलाओं के सशक्तिकरण और पर्यावरण सुधार पर विशेष जोर दिया गया है. लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिये पारदर्शिता और निगरानी आवश्यक होगी.

डॉ प्रेम विजय, असिस्टेंट प्रोफेसर अर्थशास्त्र विभाग, जीडी कॉलेज बेगूसराय

बिहार बजट राज्य के गति को और तेज करने का काम करेगा. इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. बेगूसराय में कैंसर अस्पताल बनाये जाने की घोषणा स्वागतयोग्य है.

शंकर सिंह, व्यवसायी

किसान यूरिया की कालाबाजारी और किल्ल्त से जूझ रहे हैं. अभी तक पुरानी घोषित हवाई अड्डे चालू होने का इंतजार कर रहे हैं, पुराने बस स्टैंड में कोई मानवीय सुविधा नहीं है और फिर से वही घोषणा की जा रही है. बेगूसराय में कैंसर अस्पताल खोलने की घोषणा सराहनीय है पर पूर्व में की गईं ऐसी कई लोकलुभावन घोषणाओं के हश्र की तरह इस अस्पताल का क्या होना है. बेगूसराय के लोगों को मालूम है। बजट भविष्य की आर्थिक कार्ययोजना और राज्य के विकास के लिए किये जा रहे भविष्योणमुखी प्रयासों का आईना होना चाहिण् जिसकी कोई कोई झलक नहीं दिखती.

मुरलीधर मुरारी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता, बेगूसराय

बिहार का बजट स्वागत योग बजट है जिसमें बिहार की विकास की रफ्तार को तेज करने वाला बजट है इस बजट में बिहार के मध्यम परिवार सहित व्यावसायिक वर्गों के साथ-साथ बेगूसराय जिले में विश्व स्तरीय कैंसर अस्पताल खुलना ही सरकार का ऐतिहासिक बजट को दर्शाता है ऐतिहासिक और विकासमुखी बजट के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी को बहुत-बहुत आभार और धन्यवादमृत्युंजय कुमार वीरेश, भाजपा नेता, बेगूसराय

बिहार बजट महिलाओं के लिए खास रहा है. कामकाजी महिलाओं के लिये छात्रावास खोले जायेंगे. वहीं बिहार में पिंक बस सेवा महिलाओं के लिये शुरू की जायेगी. इससे महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर हो सकेगी.

पूजा कुमारी, गृहणी

सभी धंधा के लिए बीमा पॉलिसी है. पूरे देश में फसल बीमा योजना लागू है. मगर बिहार सरकार बिहार में फसल बीमा योजना बंद कर दिया है.इस बजट में फसल बीमा को पुनः चालू करने की कोई योजना नहीं है. उसके लिए बजट में कोई आवंटन नहीं है. बिहार में आवारा पशुओं से बड़े पैमाने पर फसल की बर्बादी होती है. उससे बचाव के लिए सरकार के बजट में कोई स्कीम नहीं है. गेहूं के घोषित समर्थन मूल्य के ऊपर कम से कम 500 प्रति क्विंटल बोनस के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है. यह हर तरह से किसान विरोधी बजट है.

अशोक प्रसाद सिंह, ऑल इंडिया किसान सभा, राष्ट्रीय सचिवआज आगामी वित्तीय वर्ष क़े लिये बिहार क़े बजट का दिन था, पर कहीं कोई चर्चा नहीं, चौराहों पर इस पर न कोई बहस न कोई विमर्श. इसका निष्कर्ष या तो यह हो सकता है कि आम बिहारियों को बजट से कोई अपेक्षा नहीं थी या फिर उन्होंने अपने भविष्य की अनिश्चितताओं के लिए खुद को सरकार की जगह भगवान के भरोसे मान लिया है.

अमिता भूषण, पूर्व विधायक

बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जो बजट पेश किया वो आम लोगों के जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया हुआ है. इस बजट से प्रमुख शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास का निर्माण होगा. 358 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज खोले जायेंगे. बड़े अनुमंडलों में रेफरल अस्पताल का निर्माण होगा. 108 नगर चिकित्सा सुविधा केंद्र खुलेंगे. सभी प्रमंडालों में कैंसर अस्पताल खुलेंगे. बेगूसराय में कैंसर अस्पताल बनेगा. पिछड़ों को दी जाने वाली छात्रवृत्त्ति दोगुनी की जायेगी. एससी एसटी की छात्रवृत्त्ति दोगुनी होगी. प्रत्येक प्रखंड में आउटडोर स्टेडियम बनेंगे. साइबर अपराध रोकने के लिए डेटा सेंटर बनाये जाएंगे. प्रमुख शहरों में पिंक बस चलेंगे, इसमें चालक और कंडक्टर महिला होंगी. नहर के किनारे सोलर प्लांट लगेंगे, इसके लिए 25 करोड़ का फंड बनेगा.

राजकिशोर सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष, भाजपाबिहार सरकार के इस बजट में भी बेगूसराय की उपेक्षा की गयी है. बेगूसराय में जो भी जनसरोकार की समस्याएं हैं उसके बारे में किसी प्रकार की चर्चा नहीं करना बेगूसराय वासियों के साथ यह सरकार एक बार फिर छलने का काम किया है. आगामी बिहार विधान सभा के चुनाव में बिहार व बेगूसराय की जनता इसका हिसाब-किताब करेगी.

अभय कुमार सार्जन, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी, बेगूसरायवित्त मंत्री सह उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी द्वारा प्रस्तुत बिहार बजट 2025 स्वागत योग्य है. एक और जहां सभी लोगों के सम्यक विकास का समावेश है. वहीं दूसरी ओर महिलाओं एवं युवाओं के हित को प्राथमिकता दी गई है. बेगूसराय जिला में प्रस्तावित कैंसर अस्पताल और राज्य के 368 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज की स्थापना का निर्णय भी प्रशंसनीय है. राज्य में वायु प्रदूषण नियंत्रण हेतु 100 करोड़ रुपए की लागत से बिहार क्लीन एयर ट्रांसपोर्मेंशन परियोजना की क्रियान्वयन का निर्णय शायद देश का अनोखा निर्णय है. उलाव हवाई अड्डा के विकास का निर्णय और दिनकर विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय न होने से बेगूसराय जिला वासियों को थोड़ी मायूसी हुई है.

डॉ सुरेश प्रसाद राय, उपाध्यक्ष, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, पटना

बजट आनुपातिक रूप से जितना भारी भरकम था, पिछले वर्ष से तकरीबन 38 हजार करोड़ ज्यादा यानी 3 लाख 17 हजार करोड़ का उतना ही बिहारवासियों की प्राथमिकताओं क़े लिहाज से हल्का. रूटीन घोषणाओं के अलाबा इसमें आम लोगों क़े जीवन में तात्कालिक सुधार की नितांत आवश्यकताओं की कोई चर्चा नहीं दिखती. बेतहाशा मंहगाई के बीच बृद्धजनों, दिव्यांगों और महिलाओं की गिरती आर्थिक हालत में उन्हें 400 की जगह 1500 रुपया कम से कम मासिक पेंशन की जरूरत है ताकि वो अपनी न्यूनतम जरूरत पूरी कर सकें जिस पर कोई चर्चा नहीं. यह बजट एक बार फिर बिहार और बेगूसराय के साथ नाइंसाफी की है.

रामविलास सिंह, जिला उपाध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी, बेगूसराय

बेतहाशा मंहगाई के बीच बृद्धजनों, दिव्यांगों और महिलाओं की गिरती आर्थिक हालत में उन्हें 400 की जगह 1500 रुपया कम से कम मासिक पेंशन की जरूरत है ताकि वो अपनी न्यूनतम जरूरत पूरी कर सकें जिस पर कोई चर्चा नहीं. बढ़े हुए बिजली दरों में कोई राहत नहीं दी गयी. यह बजट निराशाजनक है.

रामप्रकाश सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता, बेगूसराय

यह एक हताश और निराश सरकार का दृष्टिकोणविहीन बजट है. वित्तमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी ने बजट में बेरोजगारों क़े लिये किसी तरह क़े प्रयासों पर मुंह नहीं खोला. बेगूसराय में दिनकर विश्वविद्यालय और उलाव हवाई अड्डा की चर्चा नहीं होने से जिले के लोगों में भारी निराशा है.

सुबोध प्रसाद सिंह, कांग्रेस नेता सह सामाजिक कार्यकर्ता, बरौनी-बेगूसराय

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Prabhat Khabar News Desk
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