भगवानपुर. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बसही गांव स्थित ज्ञान निकेतन शिक्षण संस्थान बसही में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इसको लेकर विद्यालय परिसर में बच्चों के साथ अभिभावकों की बैठक बुलाया गयी. जिसमें अभिभावकों के सामने बच्चों का वार्षिक प्रगति पत्र दिया गया. इसके अलावे सभी कक्षा में टॉप थ्री पोजीशन में जगह पाने वाले विद्यार्थियों को विद्यालय के निदेशक रणधीर वर्मा के द्वारा सम्मानित किया गया. इस अवसर पर उक्त संस्थान के निदेशक रणधीर वर्मा ने कहा कि 25 वर्षों से लगातार हमलोग इस विद्यालय का संचालन कर रहे हैं, मेरा प्रयास रहता है कि मैं अपने छात्रों को बेहतर शिक्षा दे सकूं. उन्होंने उपस्थित अभिभावकों से भी पढ़ाई के प्रति बच्चों पर ध्यान देने के लिए अपील किये. बताते चलें कि इस विद्यालय के कक्षा तीन के छात्र दिनांशु प्रभाकर ने 97 प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय टॉपर छात्र रहा. वहीं कक्षा एक में आर्यन कुमार, दो में अब्दुल रेहान, तीन में दिनांशु प्रभाकर, चार में दामिनी कुमारी, पांच में रिमझिम कुमारी एवं कक्षा छह में अंशु कुमारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. उक्त मौके पर उपसरपंच प्रतिनिधि नीरज कुमार, वार्ड सदस्य जयजयराम पासवान, ग्रामीण कुणाल कुमार, रामस्वार्थ महतों, रामबोल कुमार, विद्यालय के प्राचार्य नयन कुमार, शिक्षक उपेंद्र राम, रामचंद्र महतों, अमन कुमार, रेशमी कुमारी, रूपम, प्रेमलता, चांदनी सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे. चैती छठ के दूसरे दिन व्रतियों ने की खरना बेगूसराय. जिले में लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ के दूसरे दिन खरना के अनुष्ठान के साथ ही छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो गयी है. छठ वर्तियों ने मंगलवार को गंगा स्नान कर नहाय खाय का प्रसाद ग्रहण किया तथा बुधवार को जिन लोगों के यहां चैती छठ पर्व मनायी जाती है. वैसे घरों में शुद्धता के साथ भक्ति के वातावरण में खरना का विधि-विधान के साथ अनुष्ठान किया गया. गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को तथा शुक्रवार की अहले सुबह उगते सूर्य को श्रद्धालुओं द्वारा अर्घ दी जायेगी. चैती छठ को लेकर बड़ी पोखर की भी सफाई कर दी गयी है. शहर में हर वर्ष पोखरिया स्थित बड़ी पोखर पर चैती छठ पर्व मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. साल में दो बार छठपर्व मनायी जाती है. मार्च या अप्रैल के महीने में चैती छठ व दूसरा कार्तिक मास अक्टूबर या नवंबर माह में मनायी जाती है. महापर्व चैती छठ नहाय खाय पर सूर्यदेव की उपासना का विशेष महत्व है. लोग सूर्यदेव से सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते हैं.
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