बेगूसराय : बरौनी स्थित आनंद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के प्रमुख योगाचार्य डॉक्टर गुड़ाकेश कुमार के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सकों का दल अपने दो दिवसीय अनुसंधानात्मक दौरा कर वापस बेगूसराय लौटे. प्राकृतिक एवं योग चिकित्सकों के दल का नेत्तृत्व कर रहे योगाचार्य डॉ गुड़ाकेश ने कहा कि मुज्जफरपुर में लीची के बगीचा में काम करने वाली गरीब मजदूर महिला लीची का पैकिंग करती हैं.
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प्राकृतिक व योग चिकित्सकों ने मुजफ्फरपुर का किया दौरा
बेगूसराय : बरौनी स्थित आनंद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद के प्रमुख योगाचार्य डॉक्टर गुड़ाकेश कुमार के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सकों का दल अपने दो दिवसीय अनुसंधानात्मक दौरा कर वापस बेगूसराय लौटे. प्राकृतिक एवं योग चिकित्सकों के दल का नेत्तृत्व कर रहे योगाचार्य डॉ गुड़ाकेश ने कहा कि मुज्जफरपुर […]
और उनके साथ बच्चे सुबह से खाली पेट लीची अधिक मात्रा में खाते रहते हैं इससे लीची में पाये जाने वाले इसेटिक रसायन लिवर और आंत को सीधा नुकसान पहुंचाते हैं. जिससे पेट में ऐंठन मरोड़ आना तथा लीवर का संबंध मस्तिष्क से रहने के कारण मस्तिष्क को सीधे तौर पर तेज गति से गर्म करता है और बच्चों के सिर में चमकी के साथ असहनीय बुखार से पीड़ित हो जाते हैं.
उन्होंने दूसरा कारण बताया कि गरीबों के बच्चे स्कूल से मिली गर्मी की छूट्टी में खाली पेट लीची खाने के बाद लीची बगीचा के बगल में गंदे तालाब एवं पोखरों में दोपहर के कड़े धूप में घंटों नहाते रहते हैं और उनके अभिभावक लोग इससे होने वाले घातक शारीरिक प्रतिक्रिया से अनजान मना नहीं करते हैं. फलस्वरूप बच्चे चमकी बुखार के शिकार हो काल के गाल में समा जा रहे हैं.
इसमें साफ-साफ गरीब लोगों की स्वास्थ्य के प्रति घोर लापरवाही जिम्मेदार है. इस लापरवाही को दूर कर बच्चों तथा अभिभावकों को जागरूक करना ही इस जानलेवा बीमारी से बचाव संभव है. योग एवं प्राकृतिक चिकित्सक दलों में डॉ मंजरी खातून, डॉ जियाउल हक, डॉ राजीव शर्मा, डॉ रोशन सिंह एवं डॉ मंजू कुमारी शामिल थे.
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