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मिसाल : भीख मांग कर दिव्यांग दंपती बनवा रहा शौचालय, ट्रेनों में डफली बजा कर जमा किये पैसे

विपिन कुमार मिश्र @ बेगूसराय/गढ़पुरा किसी ने सच ही कहा है कि दिल में तमन्ना हो तो इनसान क्या नहीं कर सकता. इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है प्रखंड क्षेत्र की रजौर पंचायत अंतर्गत सकरा निवासी दिव्यांग दंपती रामविलास साह ने. भीख मांगकर लाये पैसे को जमा कर शौचालय निर्माण कर लोगों के बीच […]

विपिन कुमार मिश्र @ बेगूसराय/गढ़पुरा

किसी ने सच ही कहा है कि दिल में तमन्ना हो तो इनसान क्या नहीं कर सकता. इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है प्रखंड क्षेत्र की रजौर पंचायत अंतर्गत सकरा निवासी दिव्यांग दंपती रामविलास साह ने. भीख मांगकर लाये पैसे को जमा कर शौचालय निर्माण कर लोगों के बीच प्रेरणा के दूत बन गये हैं. देश के प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के सपनों को साकार करने के आह्वान पर राज्य सरकार भी डॉक्टर लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान चलाकर प्रदेश को शौच मुक्त प्रदेश बनाने को लेकर सभी जिला एवं सभी गांवों कस्बों तक अधिकारी, पदाधिकारी समेत सभी कर्मियों को लगा कर शौचालय निर्माण कराये जाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. रामविलास साह जो दोनों आंख से दिव्यांग होते हुए भी सारे दुख दर्द को अपने ऊपर सहते हुए अपनी पत्नी दो लड़का और एक लड़की का भार उठा कर भरण पोषण के लिए दिन-रात एक किये हुए रहता है, ना घर का ठिकाना है, ना खुद का.

पंचायत क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों एवं जीविका दीदियों से प्रेरित होकर क्षेत्र के रजौर पंचायत वार्ड-7 सकरा गांव निवासी रामविलास साह दोनों आंख से दिव्यांग हैं. जिसे ना खुद दिखता है, न दुनियादारी. मन में ठान लिया कि शौचालय निर्माण कर अपने आप को सुरक्षित करने के साथ-साथ आसपास के लोगों को भी स्वच्छ व सुरक्षित रखना है. दिव्यांग दंपती रामविलास शाह दोनों आंखों से दिव्यांग हैं, तो पत्नी दोनों पैर से दिव्यांग. दोनों दिव्यांग पति-पत्नी ने यह सोच लिया कि शौचालय निर्माण कराना है. समस्तीपुर-खगड़िया रेलखंड के अलावा अन्य रेलखंडों पर ट्रेनों में गा-बजा कर लोगों से भीख मांगकर दोनों आंखों से दिव्यांग रामविलास साह अपना जीविकोपार्जन करता है. इससे उनके परिवार में तीन बच्चों एवं दोनों पति-पत्नी का गुजर बसर चलता है. तकलीफ करते हुए इन पैसों को एकत्रित कर दोनों पति-पत्नी ने स्वयं मेहनत कर शौचालय निर्माण कार्य शुरू किया है.

डीलर से फटकार सुन कर शौचालय बनाने में जुटा दंपती

दिव्यांग दंपती रामविलास साह ने बताया कि सरकार द्वारा अंत्योदय कार्ड के माध्यम से डीलरों के यहां से राशन-केरोसिन मिलता है. डीलर के यहां राशन उठाव के लिए जाने पर बताया गया कि जब तक शौचालय निर्माण नहीं होगा, तब तक अनाज का उठाव नहीं हो सकेगा. इस बात को सुनकर हम दोनों दिव्यांग पति-पत्नी चिंतित हो गये. भीख मांग कर लाये कुछ पैसों को इकट्ठा कर शौचालय निर्माण कार्य में जुट गये.

तीन धूर जमीन ही है नसीब

अपने पैतृक संपत्ति में 12 धूर जमीन पिता के नाम से रहने पर चार भाइयों में बंटवारा होने पर तीन धूर जमीन ही उसे नसीब है. जिस जमीन पर वह अपने परिवार के साथ जीवन यापन कर रहा है. रामविलास साह की पत्नी प्रमिला देवी ने बतायी कि 2010 में ही गांव के ही कुछ बिचौलिये तबके के लोगों द्वारा इंदिरा आवास के नाम पर हमसे नजराना के तौर पर कुछ रुपये की मांग की गयी थी, लेकिन मेरे पास भीख मांग कर खाने के सिवा कुछ था नहीं, इसलिए नहीं दे सका. जिस कारण मेरे नाम का इंदिरा आवास का राशि भी उन बिचौलियों द्वारा ही उठाव कर आपस में बांट लिया गया. मुझे आंध्र प्रदेश के यूनिसेफ के लोगों द्वारा भीख मांगने के क्रम में ही पति से पूछताछ के दौरान घर द्वार नहीं होने की बात सुनकर उन्हीं लोगों ने यहां आकर मेरा एक टूटा-फूटा घर बनवाया. एक छोटी-सी दुकान खोलकर दी गयी थी. जिस घर में हम पूरे परिवार जीवन यापन कर रहे हैं. अब उन बिचौलियों द्वारा ही इंदिरा आवास का बोर्ड मेरे घर में लगवा दिया गया, लेकिन इंदिरा आवास का लाभ अब तक मुझे नसीब नहीं हुआ है. स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त दिव्यांग दंपती के साथ धोखाधड़ी का मामला-सा प्रतीत हो रहा है, जिसकी जांच पड़ताल करायी जानी चाहिए.

दिव्यांग को देख कर कई लोग जुटे शौचालय निर्माण में

प्रखंड क्षेत्र की रजौर पंचायत के दिव्यांग दंपत्ति के द्वारा शौचालय निर्माण में जुटने के बाद आसपास के लोगों द्वारा इस बात को सुन व देखने से कुछ करने की तमन्ना दिलों में जागी है. उक्त वार्ड के वार्ड सदस्य रामकृष्ण निराला एवं जीविका समूह के सीएम सुलेखा देवी ने बताया कि दिव्यांग दंपती द्वारा शौचालय निर्माण में भेजने के साथ ही आसपास के लोगों में भी शौचालय निर्माण खोले तेरी आयी है, जिसको देखते हुए उक्त वार्ड में सैकड़ों की संख्या में लोग अपने-अपने घरों में शौचालय बनाने में जुटे हैं. इस कड़ी में ही वार्ड सात के महादलित मोहल्ले निवासी मंटून पासवान की पत्नी इंदु देवी भी प्रेरित होकर डेढ़ धूर जमीन में ही रहने खाने-पीने एवं शौचालय बनाने का पीने एवं शौचालय बनाने का प्रण ठान लिया और उसी जमीन पर दो गड्ढे खुदवाकर शौचालय निर्माण करना प्रारंभ किया. इस संबंध में इंदु देवी ने बताया कि जब विकलांग दंपती शौचालय बनाने में जुट गये, तो हम लोग भी उसको देखकर अपने-अपने घरों में शौचालय बनाने को ले प्रेरित हुए और इसी बात को मन में ठान कर अपने हिस्से के डेढ़ धूर जमीन में ही फूस के घरों में घर के अंदर ही शौचालय निर्माण करा रहा हैं.

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