15.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

प्रभात खबर से खास बातचीत में राकेश सिन्‍हा ने कहा, मैं नहीं तू मंत्र को आत्मसात करने की जरूरत

कृष्ण कुमार बेगूसराय बलिया : संसद से सड़क तक सामाजिक एवं आर्थिक विषमता को राकेश सिन्हा दूर करना चाहते हैं. संघ विचारक सह राज्यसभा सदस्य के लिए मनोनीत सिन्हा से प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने विशेष बातचीत की. उन्होंने प्रश्नों का बेबाक जवाब दिया. Q. आप संघ से कैसे जुड़े बचपन में पटना के नौबतपुर […]

कृष्ण कुमार
बेगूसराय बलिया : संसद से सड़क तक सामाजिक एवं आर्थिक विषमता को राकेश सिन्हा दूर करना चाहते हैं. संघ विचारक सह राज्यसभा सदस्य के लिए मनोनीत सिन्हा से प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने विशेष बातचीत की. उन्होंने प्रश्नों का बेबाक जवाब दिया.
Q. आप संघ से कैसे जुड़े
बचपन में पटना के नौबतपुर में पिताजी के प्राचार्य काल में ही संघ से जुड़ा. उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि तबके वहां के संघ प्रचारक कुंदन जी का एक दलित समुदाय के छात्र के साथ एक ही थाली में खिचड़ी खाते देख बहुत प्रभावित हुआ. बिहार में कम आयु में ही जाति बोध का ज्ञान करा दिया जाता है और उस घटना ने मुझे जाति बोध से त्रस्त समाज में एक रोशनी की तरह काम किया.
आप राष्ट्रपति के द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किये गये हैं. इस क्षेत्र में आपका लक्ष्य क्या होगा.
-मैं जिस राजनीतिक वातावरण को अपने स्कूल की अवस्था में देखा उसने मेरी मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ी. जयप्रकाश नारायण के विचारों ने मुझे प्रभावित किया था. सामाजिक और आर्थिक विषमता को दूर करना संसद से सड़क तक उस पर अडिग रहना एवं राजनीति को अपने परिवार की समृद्धि के लिए उपयोग नहीं करना मेरा संकल्प है.
देश व राज्य के साथ अपने पैतृक जिला बेगूसराय के विकास के लिए आप क्या करेंगे.
-आर्थिक समृद्धि के बिना कई प्रकार की समस्याएं आती हैं. रोजगार के अवसरों की कमी लोगों में संकीर्णता का भाव ले आती है. इसलिए देश में शिक्षित और अशिक्षित नौजवानों के लिए अवसरों की वृद्धि करने में नीतिगत कार्यों में हस्तक्षेप करना आवश्यक है.
बिहार मध्यम उद्योगों का बड़ा केंद्र के रूप में बढ़ सकता है. बेगूसराय में शिक्षा की स्थिति दयनीय है. स्थिति को बदलना और इसे एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होने की प्रचुर संभावनाएं हैं.
आप राजनीति को किस रूप में देखते हैं.
-राजनीति में सुविधा और सामंतवाद की अतिशयोक्ति के कारण लोगों का इसके प्रति आकर्षण बढ़ रहा है. जब यह परिश्रम व परिष्कार और न्यूनतम सुविधा के साथ काम करने का माध्यम बनेगा तब लोगों में आकर्षण के बजाय इसके प्रति आस्था होगी. आज सार्वजनिक जीवन के प्रति नास्तिकता और राजनीति के प्रति अनास्था का भाव बढ़ रहा है.
राजनीति में स्वयं सेवानिवृत्ति का भाव और सामाजिक कार्यों में स्थानांतरण की परंपरा मिट सी गयी है. इसे पंडित दीनदयाल जी के उस आदर्श को स्थापित करना होगा. पिता जी ने कहा था, भ्रष्टाचार करना और गौ हत्या करना बराबर है.
आप समाज को क्या मैसेज देना चाहते हैं.
-भौतिकता का चकाचौंध हमें जमीन से नहीं काटे और हम कम से कम राज्य केंद्रित रहें, यह जरूरी है. ग्राम स्वराज का जो अनौपचारिक रूप है, जिसमें सामुदायिक जीवन और लोक संस्कृति का महत्व होता है, वह भौतिकता और विघटनकारी ताकतों के कारण लुप्त होते जा रहा है.
सामूहिक चिंतन और निरंतर आत्म अवलोकन से समाज को स्वावलंबी बनाएं.
ऐसे कई छोटे-छोटे प्रयोग देश में हुए है, जिसमें नानाजी देशमुख द्वारा चित्रकूट एवं गोंडा में प्रयोग आंख खोलने वाला है. बेगूसराय में भी कई लोगों ने सफल प्रयोग किया है. ऐसा करने के लिए संघ के द्वितीय सर संघचालक गोलवरकर जी का एक मंत्र आत्मसात करने की जरूरत है मैं नहीं तू. मेरे जीवन का एक संकल्प जनपक्षधरता है, जिस पर कभी समझौता नहीं करूंगा.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel