बांका/रजौन. गांव को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने के लिए एक ओर जहां सरकार सड़कों का जाल बिछा रही है वहीं दूसरी ओर बनी सड़कें विभागीय उदासीनता का शिकार होकर रह गयी है. मामला प्रखंड के तिलकपुर पंचायत अंतर्गत सैदपुर-सिंगरपुर गांव को जोड़ने वाली मार्ग की है. गांव को जोड़ने वाली सड़कें बनकर तैयार तो हैं, लेकिन एप्रोच पुल नहीं बनाये जाने के कारण उक्त सड़क होकर आवागमन नहीं हो पा रहा है. ग्रामीणों के अनुसार तत्कालीन विधायक मनीष कुमार के प्रयास से दो करोड़ 48 लाख की लागत से सड़क का निर्माण कार्य पूरा हुआ था, लेकिन विभाग के उदासीनता के कारण डीपीआर बनाने के समय पुल का जिक्र नहीं किया था. जिसका दंश अब तक ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया सैदपुर गांव जाने के क्रम में नहर पर पुल न रहने के कारण लगभग तीन से चार किलोमीटर घूम कर लोगों को अपने गांव जाना पड़ रहा है. गांव के लोग अपनी दोपहिया वाहन को नहर पर बने पगडंडी मार्ग होकर लाते और ले जाते हैं. चालक को वाहन लेकर नहर में गिरने का भी खतरा बना रहता है. कई वाहन चालक नहर में गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं. इधर इस समस्या की ओर न तो किसी जनप्रतिनिधि का ही ध्यान है और न ही पदाधिकारियों का. ग्रामीणों ने इस समस्या की ओर जिला पदाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराया है.
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