-गर्मी में बिजली का खपत हुआ दो गुणा, राज्य से कम मिल रही है बिजली. -जिलेभर में सही तरह से आपूर्ति के लिए 120 से 140 मेगावाट की है जरुरत. -सोलर प्लांट से दिन में सप्लाई होने लोगों को कुछ मिल रही है राहत, नहीं तो और होती परेशानी. चंदन कुमार, बांका. जिले का तापमान आये दिन 42-43 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. आसमान से बरस रही आग न ही घर से बाहर लोगों को निकलने दे रही है और न ही बिजली की अघोषित कट घर में चैन से बैठने दे रही है. एक तो उमस भरी गर्मी व दूसरी बिजली कट ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. पहले तो दिन में तेज पछुआ हवा के कारण ग्रामीण इलाके का बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है. अगर शाम के वक्त हवा कुछ कम होता है तो राज्य से ही बिजली आपूर्ति कम होने कारण शाम होते ही शहरी व ग्रामीण इलाके की बिजली लोड शेडिग के सहारे चलने लगती है. वहीं विभागीय अधिकारी की माने तो पिक आवर में फुल लोड बिजली नहीं मिल पाती है. इस कारण शाम के समय लोड शेडिग करना पड़ता है. उधर लोड शेडिग के कारण गर्मी व उमस से लोग परेशान हैं. घरों में कूलर फ्रिज व पंखा सही तरह से नहीं चल पा रहा है. जबकि घरों का इनवर्टर दिन में ही डिस्चार्ज हो रहा है. घंटों-घंटा बिजली बंद रहने से लोगों के घरों में मोटर नहीं चल पा रहा है. इससे लोगों के समक्ष पेयजल संकट भी उत्पन्न होते जा रही है. -आपूर्ति के हिसाब से आधा से भी कम मिल रही है बिजली. विभागीय अधिकारी के अनुसार गर्मी के मौसम में पूरे जिले में 21 से 22 घंटा बिजली आपूर्ति के लिए करीब 130 से 140 मेगावाट की बिजली की जरूरत है. लेकिन आये दिन राज्य से ही कभी 40 तो कभी 50 मेगावाट बिजली मिल रही है. किसी किसी दिन शाम को 30 से 35 मेगावाट बिजली मिलने लगती है. इससे लोड शेडिग करनी पड़ती है. -जरा सी हवा चली तो बिजली हो जाती है कट. जिले में जिन लोगों के पास इन्वर्टर है उन्हें बिजली आने व जाने का तो पता ही नहीं चलता. लेकिन जिन लोगों के पास इन्वर्टर नहीं है वैसे लोग इस बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. आये दिन जिले में कब बिजली आयेगी और कब कटेगी, इसका कोई समय-सारणी ही नहीं है. बावजूद इसके बिजली विभाग द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यह स्थिति क्षेत्र में लगातार बनी हुई है. गर्मी के मौसम में लोगों को नियमित रूप से बिजली नहीं मिलने से परेशानी और भी बढ़ गयी है. ऐसे में अगर जरा सी हवा चली तो बिजली कट कर दी जाती है. -कहते है अधिकारी. गर्मी में बिजली की खपत ज्यादा बढ़ गयी है. जिले में 130 से 140 मेगावाट बिजली की जरुरत है. लेकिन राज्य से ही गत कुछ दिनों से बिजली आपूर्ति में कटौती की गयी है. जिसके चलते आये दिन शाम के समय में लोड शेडिंग कर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की जा रही है. जबकि बांका में सोलर प्लांट से दिन में बिजली आपूर्ति होने के कारण यहां के लोगों को दिन में काफी हद तक बिजली मिल रही है. वहीं तेज हवा चलने के कारण कुछ ग्रामीण इलाके में बिजली आपूर्ति में परेशानी हो रही है. जिसे लेकर विशेष अभियान चलाकर कई स्थानों से पेड़ की टहनियों को भी कटवाया जा रहा है. ताकि हवा में भी सही तरह से बिजली आपूर्ति हो सके. कुमार सौरभ, कार्यपालक अभियंता विघुत विभाग, बांका.
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