शंभुगंज : जिले भर में अगर फर्जी दक्षता प्रमाण पत्र पर अभ्यार्थियों को शिक्षक बनने का जगह था तो वह शंभुगंज प्रखंड ही था. शंभुगंज में जितने भी फर्जी शिक्षक सामने आ रहे हैं सभी अंतर जिले के हैं. ऐसा नहीं कि इसकी भनक प्रखंड स्तर के संबंधित अधिकारियों को नहीं थी, बल्कि फर्जी शिक्षक की शिकायत पर भी उस पर कार्रवाई करने के बजाय अपना हित साधने में लगे थे. फर्जी शिक्षक का जब भी मामला पंसस की बैठक में उठता हो या बीस सूत्री की बैठक में, ऐसे फर्जी शिक्षक पर कार्रवाई करने के उनसे अवैध वसूली कर दूसरे विद्यालय में
प्रतिनियुक्ति कर देना यहां की कार्यशैली थी. जब उच्च न्यायालय से कार्रवाई की बात हुई तो शंभुगंज में 87 शिक्षकों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. जबकि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो बांका के निरीक्षक सुशील कुमार के द्वारा अब तक करवाये गये जांच में शंभुगंज से 9 शिक्षक फर्जी मिले हैं. इसके विरुद्ध शंभुगंज थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. जबकि करसोप, कैथा, पड़रिया, भिट्टी, मिर्जापुर, कामतपुर, कुन्न्थ, रूतपय, खपड़ा, केहनीचक, विरनौधा,
गिद्घौड़ा, सहदेवपुर, झखड़ा, प्रतापपुर, वैदपुर, सिलौटा आदि कई विद्यालय के शिक्षक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो बांका के रडार पर हैं. इन सभी स्कूलों के शिक्षकों में अब बेचौनी स्पष्ट रूप से दिखने लगी हैं. बता दें कि शंभुगंज प्रखंड के आरटीआई कार्यकर्त्ता सतीश आनंद ने भी सूचना अधिकार के तहत वो चार फर्जी शिक्षकों का पोल खोल कर वैसे शिक्षकों को त्यागपत्र देने पर मजबूर कर दिया था. उसके बावजूद भी कई पंचायत शिक्षा मित्र शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र पर विद्यालय में डटे हुए हैं.