नालों की उड़ाही. नगर पंचायत के लिए बनी चुनौती
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ढक्कन हटाने में छूट रहा पसीना
नालों की उड़ाही. नगर पंचायत के लिए बनी चुनौती नगर पंचायत प्रशासन, निर्माण एजेंसी की लापरवाही का खामियाजा भर रहा है. नाले की उड़ाही के लिए कंपनी द्वारा बनाया गया 30-40 फीट तक का स्लैब टुकड़ों में काटना पड़ रहा है. बांका : बांका नगर पंचायत शहर के नालों की उड़ाही को लेकर हलकान है. […]
नगर पंचायत प्रशासन, निर्माण एजेंसी की लापरवाही का खामियाजा भर रहा है. नाले की उड़ाही के लिए कंपनी द्वारा बनाया गया 30-40 फीट तक का स्लैब टुकड़ों में काटना पड़ रहा है.
बांका : बांका नगर पंचायत शहर के नालों की उड़ाही को लेकर हलकान है. नगर पंचायत के साथ गड्ढे खोदने के लिए निविदा के बाद इसे भरने के लिए निविदा निकालने जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है. वैसे भी बांका नगर पंचायत प्रशासन की कार्यशैली से शहर का कुछ ज्यादा भला नहीं हो पा रहा.
लेकिन जब इसकी भलाई की नीयत भी हो तो कोई न कोई बाधा सामने आ खड़ी होती है. शहर के प्रमुख मार्गों खास कर गांधी चौक से पश्चिम कचहरी रोड पर बने नालों के ऊपर लगे सीमेंटेड ढक्कन नगर पंचायत प्रशासन के समक्ष कुछ इसी तरह की बड़ी बाधा खड़ा कर रहा है. गांधी चौक से लगायत आजाद चौक तक सड़क के दक्षिण बने बड़े नाले के ऊपर कुछ वर्ष पूर्व हाइवे बनाने वाली एक निजी कंपनी के ठेकेदारों ने एकमुश्त सीमेंटेड ढलाई ढक्कन लगा दी थी.
तब नगर पंचायत प्रशासन ने इस पर आपत्ति जताते हुए नाले पर टुकड़ों में ढक्कन लगाने का आग्रह भी किया था. लेकिन सीपीडब्लूडी से निविदा प्राप्त कर यहां सड़क और नाला निर्माण कर रहे ठेकेदारों ने इसे नहीं माना और एक साथ लंबी – लंबी दूरी तक नाले को ढकने के लिए 6 से 8 इंच तक एक सलगा मोटी ढलाई कर दी.
अब जबकि नाले भरकर जाम हो चुके हैं तब इसकी सफाई के लिए ढक्कन को हटाने की जरूरत पड़ी. लेकिन किसकी मजाल कि ढक्कन जेसीबी और पोकलेन से भी टस से मस हो. लेकिन नाले की उड़ाही तो करनी ही थी. सो अब इसे काट – काट कर टुकड़ों में किया जा रहा है ताकि उन्हें आसानी से हटा कर नाले की उड़ाही की जा सके.
टुकड़ों में काटा ढक्कन
मंगायी गयी है 4.6 लाख की मशीन
इस परेशानी का खामियाजा नगर पंचायत प्रशासन को कुछ इस तरह भरना पड़ा कि इसके लिए इसे 4.6 लाख की एक मुश्त चपत लग गयी. नालों के उपर बने 30-40 फीट तक के मोटे स्लैब को काट कर हटाने के लिए नगर पंचायत प्रशासन को निविदा निकाल कर 4.6 लाख रुपये में कटिंग मशीन क्रय करना पड़ा. नगर पंचायत प्रशासन के मुताबिक हालांकि यह मल्टी परपस मशीन है जिसका अन्य मशरफ में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. लेकिन फिलहाल तो इसकी जरूरत सीपीडब्लूडी के उन ठेकेदारों की वजह से पड़ी जिनकी मनमानी की वजह से नाले की सफाई नहीं हो पा रही थी. यह मशीन गत 25 मार्च को कोलकाता से मंगाया गया है. मशीन आने के बाद स्लैब की कटिंग कर नालों की उड़ाही तो आरंभ कर दी गयी है. लेकिन उड़ाही के बाद जमा कचरे कई दिनों से सड़क और आसपास कीचड़ व बदबू फैला रहे हैं. आजाद चौक के अमन सागर ने कहा इससे आसपास काफी परेशानी हो रही है.
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