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कचरे के बीच है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर

कचरे के बीच है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर डॉक्टर के अभाव में वर्षों से बंद है अस्पतालफोटो 11 बांका 18 : जर्जर भवन के आगे लगा कचरे का ढेर फुल्लीडुमर :. पिछले कई वर्षों से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर कचरे के ढेर के बीच है. यह खंडहर में तब्दील हो चुका है. डॉक्टर के […]

कचरे के बीच है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर डॉक्टर के अभाव में वर्षों से बंद है अस्पतालफोटो 11 बांका 18 : जर्जर भवन के आगे लगा कचरे का ढेर फुल्लीडुमर :. पिछले कई वर्षों से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर कचरे के ढेर के बीच है. यह खंडहर में तब्दील हो चुका है. डॉक्टर के अभाव में यह केंद्र मृतप्राय है. क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ता है. इलाज ग्रामीण चिकित्सकों से करवाते हैं. मालूम हो कि 1954 ई में बने देव नारायण राजकली दातव्य अस्पताल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. जहां चिकित्सक का आवास होना था वहां आज कचरे का अंबार लगा हुआ है. यहां के अस्पताल कर्मचारियों से फुल्लीडुमर अस्पताल में कार्य कराया जा रहा है. फिलहाल खेसर अस्पताल का पश्चिमी भाग अतिक्रमण कारियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है. जिस पर किसी पदाधिकारी का ध्यान नहीं है. अस्पताल परिसर में बने कुआं को स्थानीय दुकानदारों द्वारा कचड़े डालने के रूप में प्रयोग किया जा रहा है. वहीं जमीन दाता स्व देव नारायण भगत के परिजन राम कृष्ण प्रसाद भगत अस्पताल के विधि व्यवस्था से काफी नाखुश है. इन्होंने बताया कि इलाके के गरीब लोगों के समुचित इलाज के लिए अस्पताल बनाया गया था, लेकिन आज इसकी स्थिति बदतर हो गयी है. बुद्धिजीवियों ने कहा कि अगर स्वास्थ्य केंद्र की यही स्थिति रही, तो हम आंदोलन करेंगे. इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फुल्लीडुमर के प्रभारी डॉ विरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि पहले से ही डॉक्टर का अभाव है. इसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है.

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