बौंसी: भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर इन दिनों महाजाम लगा हुआ है जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रविवार को बौंसी के गुरिया मोड़ समीप सड़क में बने बड़े बड़े गड्ढों में वाहनों के फंस जाने से देर रात तक जाम की स्थिति बनी रही. सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आये. इसकी वजह से खासकर ज्यादा परेशानी दूर-दराज के यात्रियों को हुई. लंबी दूरी की गाड़ियां ढाकामोड़ से गोड्डा होते हुए हंसडीहा होकर निकली. जिसके कारण बौंसी आने वाले यात्रियों को ढाकामोड़ से ऑटो का सहारा और बौंसी के सुखनियां पूल से पैदल आने को मजबूर होना पड़ रहा है. ओवरलोडेड वाहनों के दबाव से सड़क की स्थिति और भी जर्जर हो रही है.
उल्लेखनीय हो कि मंदार महोत्सव के वक्त बैठक मे जिलाधिकारी द्वारा एक सप्ताह के अंदर भलजोर से रजौन तक सड़क को मोटरेबुल बनाने का निर्देश विभाग के कार्यपालक अभियंता को दिया गया था. विगत दिनों धोरैया प्रमंडल द्वारा इस पथ को मोटरेबुल बनाने की बात कही गयी थी. वावजूद इसके आजतक इस दिशा में कोई कार्य नहीं होने से हालत और भी खराब हो रही है.
अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो सावन के माह में कांवरियों को चलने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. उधर जर्जर सड़क का फायदा उठाकर गुरिया पुल के समीप कुछ उचक्कों द्वारा वाहन चालकों को डरा धमकाकर 50 से 100 रुपये तक दिनभर वसूले गये. हालांकि बाद में पुलिस आने के बाद उचक्के भागने में सफल रहे.
संवेदक की लापरवाही से यातायात बाधित. बांका-ढाका मोड़ के सुराकोल के निकट पुल निर्माण के लिए यातायात को चालू रखने के लिए संवेदक द्वारा डायवर्सन का निर्माण किया गया था. मानसुन आने के साथ हल्की बारिश ने डायवर्सन को क्षतिग्रस्त कर दिया जिससे यातायात बाधित होकर वाहनों की लंबी कतार दोनों तरफ लग गयी. अगर संवेदक द्वारा निर्माण कार्य मे कोताही नहीं बरती गयी होती तो आज ये दिन देखने को नहीं मिलता. इस कार्य में विभागीय पदाधिकारी व जिला प्रशासन की लापरवाही भी साफ उजागर होती है.
पिछले वर्ष भी यातायात हुआ था बाधित
पिछले साल हुई बारिश से शंभुगंज-बांका, अमरपुर- बांका, ढाका मोड़- बांका सहित जिले को जोड़ने वाले अन्य मुख्य मार्ग बाधित हो गये थे. जिससे वाहनों की यातायात पर पाबंदी लगानी पड़ी थी. पुल पुलिया पर लोहे के बैरियर लगाये गये थे लेकिन जिले से बालू उठाव करने वाले माफिया व अन्य वाहन मालिक द्वारा जिला प्रशासन की इस व्यवस्था की धज्जी उड़ा दी थी. लगाये गये बैरियर को ध्वस्त कर आवाजाही बहाल कर दी गयी. जिला प्रशासन की इस पर एक भी नहीं चली. भगवान का शुक्र था कि क्षतिग्रस्त पुल पुलिया पर कोई बड़ी दुर्घटना नहीं घटी थी. इसके बाद पुल पुलिया का निर्माण प्रारंभ किया गया है.