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जांच में एक भी पैथोलॉजी मानक पर खरे नहीं उतरे

बांका : हाइकोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बीते दिनों अमानक पर चले पैथोलॉजी की जांच से संबंधित कार्रवाई की. साथ ही इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी दी है. रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट की मानें तो इस जिले में तय मानक के अनुरूप एक भी पैथोलॉजी स्थापित नहीं है. यह […]

बांका : हाइकोर्ट के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बीते दिनों अमानक पर चले पैथोलॉजी की जांच से संबंधित कार्रवाई की. साथ ही इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी दी है. रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट की मानें तो इस जिले में तय मानक के अनुरूप एक भी पैथोलॉजी स्थापित नहीं है. यह रिपोर्ट न केलव जिलेवासियों के लिए झकझोरने वाली है, बल्कि चिकित्सा विभाग पर भी सवाल उठाता है. आखिर कई दशक से चल रहे अमानक जांच घर पर विभाग ताला लगाने में क्यों नाकाम रही. मुख्यालय से जब जांच कर दो सप्ताह के अंदर अमानक पर चल रहे पैथोलॉजी को बंद करने का निर्देश मिला तो,

विभागीय स्तर से इसकी जांच की गयी. विगत 10 सितंबर को जांच का अंतिम प्रतिवेदन भेज दिया गया. जिसमें बताया गया कि सभी जांच घर स्वत: बंद पाये गये. जिसकी संख्या करीब 54 के आसपास है. ये सभी अमानक थे. जांच में एक भी पैथोलॉजी पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. विभाग को यह भी आशंका है कि अभी भी चांदन सहित अन्य इलाकों में चोरी-छिपे जांच घर संचालित हो रही है. जिला मुख्यालय की स्थिति काफी विकट है. दर्जनों की संख्या में कदम-कदम पर जांच के लिए तैयार लैब एकाएक बंद पड़ गये हैं.

विभाग ने करीब 54 बंद पैथोलॉजी की सूची राज्य को भेजी
पैथोलॉजी बंद से संकट में हैं जिले के मरीज
अब पैथोलॉजी की दुकान चलाने के लिए सभी तय मानक को अपनाना होगा. जो हाल के दिनों में असंभव दिख रहा है. हालांकि, न्यायालय में इस संदर्भ में सुनवाई चल रही है. हाइकोर्ट के फैसले पर ही पैथोलॉजी का भविष्य तय होगा. परंतु, मौजूदा समय में मरीज के लिए पैथोलॉजी का एकाएक बंद हो जाना संकट भरा है. जानकारी के मुताबिक, सदर अस्पताल सहित शेष अन्य सरकारी अस्पताल में अब की जांच की उत्तम सुविधा नहीं है. अलबत्ता, मरीज को परेशानी हो सकती है. उन्हें लंबी दौड़ लगानी पड़ सकती है. नियम के मुताबिक अब वही जांच घर चला सकते हैं, जिनके यहां एमडी पैथोलॉजिस्ट डिग्री धारी होंगे. इसके साथ ही योग्य टेक्नीशियन की भी जरूरत होगी.
चोरी-छिपे चल रहे दर्जनों जांच घरों पर विभाग की नजर
जिले के सभी जांच घर तय मानक के विपरीत हैं. करीब 50 से अधिक जांच घर जो बंद हुए, उसकी सूची भेज दी गयी है. उच्च स्तरीय निर्देश पर ही अगला कदम उठाया जायेगा. मरीजों के लिए अस्पताल में जांच की व्यवस्था पर पहल की जा रही है.
सुधीर महतो, सीएस, बांका
देवघर इलाके के एमडी जिले में तलाश रहे हैं उम्मीद
एकाएक जिले के सभी जांच घर में ताला लगने के बाद देवघर सहित अन्य जिलों से एमडी पैथोलॉजिस्ट बांका पहुंच कर जांच घर संचालित करने के जुगाड़ में है. कई एमडी पैथोलॉजिस्ट स्वास्थ्य विभाग की देहरी तक गुहार लगा चुके हैं. परंतु विभाग, अनुमति देने में कतरा रही है. वहीं जानकारों को यह आशंका है कि अन्य शहरों से एमडी पैथोलॉजिस्ट यहां आकर जांच घर चलाते हैं तो जांच महंगी भी हो सकती है.

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