बौंसीः रेफरल अस्पताल में प्रसव कराने आयी महिला की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ. घटना मंगलवार की रात की है. बौंसी प्रखंड के पंडाटोली बहादुर बगीचा स्थित मायके से मीना देवी 28 वर्ष को प्रसव के लिए परिजनों ने सुबह 11 बजे अस्पताल में भरती कराया. प्रसता ने दोपहर ढाई बजे एक बच्ची को जन्म दिया. मृतका के पति बबलु लैया, मां सुनैना देवी, मौसी चंचला देवी ने बताया कि बच्ची के जन्म के बाद चिकित्सक जितेन्द्र नाथ ने कहा कि बेड पर ले जाकर सुलाओ. बेड पर ले जाने के बाद अत्यधिक रक्तस्नव होने लगा. चिकित्सक के निर्देश पर वहां कार्यरत एएनएम मंजु झा द्वारा ममता कल्पना कुमारी से सूई दिलवायी गयी, जिसके थोड़ी ही देर बाद प्रसूता ने अपने परिजनों से बेहद गरमी लगने की बात बतायी.
परिजनों द्वारा एएनएम को इस बाबत बताने पर उसने कहा कि मेरा कमर नहीं उठता है मैं नहीं जाऊंगी. परिजनों ने आरोप लगाया है कि सारी दवा बाहर से खरीदकर लायी गयी और इसके बाद भी चिकित्सक और मौजूद नर्सों द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने की वजह से मीना की मौत हुई है. जब मरीज की स्थिति गंभीर हो गयी तब चिकित्सक द्वारा रेफर कर दिया गया. हालांकि इस संबंध में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ जितेन्द्र नाथ से पूछने पर बताया कि 12 बजकर 47 मिनट पर रोगी को एडमिट किया गया, 4 बजकर 30 मिनट पर प्रसव हुआ वह पहले से एनीमिया की मरीज थी. उधर मृतका के परिजनों लापरवाही को लेकर जमकर हंगामा किया साथ ही दोषियों पर कारवाई की मांग की.
बताया गया कि मृतका का दूसरा प्रसव था पहले उसे एक बच्ची है और आज पुन एक बच्ची हुई. अपनी मां के शव के पास रोते बच्चे को यह भी नहीं पता कि उसकी मां को हुआ क्या है? मालूम हो कि रेफरल अस्पताल में यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले डेढ़ माह पूर्व प्रसव कराने आयी महिला के नवजात की मौत प्रसव के बाद हो गयी थी. जिसमें भी एएनएम द्वारा पैसे लेने की बात सामने आयी थी जो जांच में भी सही पाया गया था. लेकिन कुछ दिनों बाद मामले की लीपापोती कर दी गयी.